नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम शनिवार को कांग्रेस नेता अहमद पटेल के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंच गई है। ईडी उनसे संदेसरा बंधुओं के पीएमएलए मामले में बयान दर्ज कराएगी। अधिकारियों ने बताया कि तीन सदस्यीय दल मध्य दिल्ली के 23, मदर टेरेसा क्रीसेंट स्थित पटेल के आवास पहुंचा है। दल धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज करेगा।
ईडी ने पटेल को इस मामले में पूछताछ के लिए दो बार तलब किया था, लेकिन उन्होंने कहा था कि वह सीनियर सिटीजन हैं और कोविड-19 गाइडलाइन के कारण पूछताछ के लिए नहीं आ सकते हैं। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को घर में ही रहने की सलाह देने वाले कोविड-19 वैश्विक महामारी के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया था। जिसके बाद एजेंसी ने उनके अनुरोध पर सहमति जताई और उन्हें सूचित किया कि वह उनसे पूछताछ के लिए एक जांच अधिकारी को भेजेगी।
यह मामला गुजरात स्थित स्टर्लिंग बायोटेक द्वारा करोड़ों रुपए की कथित बैंक धोखाधड़ी एवं धनशोधन को लेकर संदेसरा बंधुओं चेतन, नितिन और कई अन्य के खिलाफ जांच के जुड़ा है।एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईडी का दावा है कि संदेसरा भाइयों ने भारतीय बैंकों को नीरव मोदी के मुकाबले कहीं ज्यादा चूना लगाया है। इस केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि जांच में स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड/संदेसरा ग्रुप और इसके मुख्य प्रमोटरों, नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा ने भारतीय बैंकों के साथ लगभग 14,500 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।
अक्टूबर 2017 में सीबीआई ने कंपनी के प्रमोटरों के खिलाफ 5,383 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड के आरोप में एफआईआर दर्ज़ की थी। सीबीआई के बाद ईडी ने भी कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि संदेसरा ग्रुप के विदेशों में स्थित कंपनियों ने भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से 9 हजार करोड़ रुपये लोन लिया था।
जांच अधिकारी ने बताया कि एसबीएल ग्रुप ने भारतीय बैंकों से सिर्फ रुपये ही नहीं विदेशी मुद्रा में भी लोन लिए हैं। कंपनी को आंध्र बैंक, यूको बैंक, एसबीआई, इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले बैंकों के कंसोर्शियम ने लोन पास किया।