तबलीगी जमात से एशियाई देशों में बढ़े कोरोना के हॉटस्पॉट

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नई दिल्ली। तबलीगी जमात का जमावड़ा भारत, मलेशिया के बाद पाकिस्तान में भी कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के रूप में सामने आया है। अकेले पाकिस्तान में कोरोना के एक चौथाई से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस की वजह 70,000 जमातियों का जमावड़ा बताया जा रहा है। सुन्नी मुस्लिम मिशनरी ग्रुप तबलीगी जमात ने मध्य मार्च में लाहौर के रायविंड शहर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया।

पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक डेटा के मुताबिक, अभी तक उसमें शामिल हुए 2258 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इस देश में अब तक 8,418 कन्फर्म केस हैं और 176 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में लॉकडाउन लगाए जाने से पहले 5 दिनों का धार्मिक जलसा बुलाया गया जिसमें 70 हजार लोगों ने हिस्सा लिया जिनमें 3,000 हजार लोग ऐसे थे जो दूसरी जगहों से वहां आए थे।

पाकिस्तान में कोरोना वायरस का पहला दौर ईरान से वापस लौटे शिया श्रद्धालुओं से शुरू हुआ। ईरान कोरोना से सबसे बुरी तरह से प्रभावित देशों की सूची में शामिल है। पाक में 78 प्रतिशत केस शिया श्रद्धालुओं की ईरान यात्रा और तबलीगी जमात के जमावड़े से जुड़े हुए हैं।

धार्मिक संवेदनाओं के साथ निपटना सरकारों के लिए हमेशा से ही संघर्षपूर्ण रहा है और महामारी के वक्त यह और कठिन हो गया है। लंदन की एसओएएस यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ पाकिस्तान के सदस्य बी वागमर कहते हैं कि दरअसल कुछ लोग हैं धार्मिक कार्य़क्रमों के लिए मौलिक अधिकारों का हवाला देकर इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। धर्म हमेशा से ही संवेदनशील मुद्दा रहा है। पाकिस्तान में ऐसे संगठन की बातों को गंभीरता से लिया जाता है।

भारत, मलेशिया का क्या है हाल
भारत में भी तबलीगी जमात का जमावड़ा कोरोना वायरस के संक्रमण का केंद्र रहा है। इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों से भी लोग राजधानी दिल्ली में तबलीगी के इवेंट में शामिल होने पहुंचे जिसका आयोजन मध्य मार्च में किया गया था। अब तक इससे जुड़े 4300 से लोग संक्रमित पाए गए हैं। पुलिस ने दिल्ली तबलीगी जमात के चीफ मौलाना मोहम्मद साद खंदलवी के खिलाफ केस दर्ज किया है। उधर, भारत में ही 30,000 लोगों को तब क्वारंटीन किया गया जब एक सिख संत ने यूरोप के दौरे के बाद खुद को सेल्फ आइसोलेशन में जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने गांवों और दर्जनों इवेंट का आयोजन किया और बाद में कोविड19 से उनकी मौत हो गई।

उधर, मलेशिया में 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच तबीलीगी जमात का जलसा था जिसमें करीब 16,000 लोगों ने शिरकत की। अब तक 1946 केस इसी से जुड़े हुए हैं। सिंगापुर और ब्रुनेइ में कोरोना के केस सामने आए हैं जिनमें से कुछ के मलेशिया की तबीलीगी कार्यक्रम से जुड़ा माना जा रहा है।