बजट 2020/ छूट की आड़ में टैक्स नहीं देना पड़ सकता है भारी, वित्त मंत्री की चेतावनी

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक्जेंप्शन (exemption) की आड़ में टैक्स नहीं भरना आने वाले वक्त में भारी पड़ सकता है। पिछले कई सालों से हर सरकार पर्सनल इनकम टैक्स में कोई न कोई एक्जेंप्शन (exemption) देती रही है। भारत के इनकम टैक्स एक्ट में 120 प्रकार के एक्जेंप्शन हैं जिसके तहत टैक्स को बचाया जा सकता है और ऐसा किया जा रहा है।

सीतारमण ने कहा कि इस चलन से दिक्कत यह होती है कि सरकार इस बात का अनुमान नहीं लगा पाती है कि उसे इनकम टैक्स से कितना राजस्व मिलेगा। क्योंकि हर व्यक्ति अलग-अलग प्रकार के एक्जेंप्शन का इस्तेमाल करके इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर रहा है और टैक्स बचा रहा है। सरकार एक्जेंप्शन लेकर एकदम कम टैक्स भरने के चलन को खत्म करना चाहती है। उन्होंने बताया कि उद्देश्य यह है कि इनकम टैक्स देने वाले को भी तकलीफ नहीं हो और सरकार को भी थोड़ा (मतलब टैक्स) मिले।

टैक्स न भरना पड़ सकता है भारी
उन्होंने एक उदाहरण के जरिए बताया कि मान लीजिए किसी की सालाना आय 12 लाख रुपए हैं और वह विभिन्न प्रकार के एक्जेंप्शन के जरिए टैक्स को पूरी तरह से बचा लेता है और कोई टैक्स नहीं देता है तो ऐसे में सरकार उससे पूछ सकती है कि वह अपने घर को फिर कैसे चला रहा है।

प्रधानमंत्री के आवास पर फाइनल हुआ था टैक्स चार्टर
वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि बजट में जिस टैक्स चार्टर का जिक्र किया गया है, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर फाइनल किया गया था। उन्होंने बताया कि टैक्स चार्टर के बारे में पहली बार उनके मंत्रालय के प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर (पीईए) संजीव सान्याल ने उनसे सुबह की मीटिंग में जिक्र किया था। इसके बाद टैक्स चार्टर पर काम शुरू किया गया। फिर इसे प्रधानमंत्री के आवास पर उनकी सहमति से अंतिम रूप दिया गया। टैक्स चार्टर का उद्देश्य टैक्स देने वाले के ऊपर भरोसा रखना है। उनका सम्मान करना है।

अखरोट आम आदमी के खाने की चीज नहीं
अखरोट पर इंपोर्ट ड्यूटी लगाने के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि अखरोट आम आदमी के खाने की चीज नहीं है। उन्होंने यह भी साफ किया कि जिन चीजों पर इंपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है, वे सभी फिनिश्ड गुड्स हैं। इन चीजों का देश में पहले से उत्पादन हो रहा है।