हेल्थ टिप्स / बीपी और डाइबिटिज कंट्रोल करती है मूली

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कोटा। ठंड के मौसम में आने वाली मूली के पराठों से लेकर सब्जी तक बनाई जाती है। इसकी टेस्टी डिशेज हर उम्र के लोग पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सर्दियों के मौसम में आने वाली मूली गुणों से भी भरपूर है? यह सर्दी खांसी दूर करने से लेकर बीपी को कंट्रोल करने और यहां तक कि स्किन को हेल्दी बनाने में भी मदद करती है।

आयुर्वेद डॉक्टर सुधींद्र श्रृंगी के अनुसार अगर सर्दी-खांसी से बचना है तो अपनी डायट में मूली को शामिल जरूर करें। चाहे तो इसे सलाद में डालकर खाएं या फिर यूं ही खाएं। इस सब्जी में डी-कंजेस्टेंट कम्पाउंड होते हैं जो नेजल और थ्रोट के पैसेज को क्लीन रखते हैं। इससे बैक्टीरिया पनप नहीं पाते और खांसी-जुकाम दूर रहता है।

मूली को पोटैशियम रिच माना जाता है। यह शरीर में सोडियम-पोटैशियम की मात्रा को बैलेंस करने में मदद करता है जो बीपी को बिगड़ने से रोकता है।बीपी को कंट्रोल में रखने की खासियत दिल को भी हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। बीपी बिगड़ना दिल की सेहत बिगड़ने की सबसे बड़ी वजह मानी जाती है। ऐसे में अगर यह कंट्रोल रहे तो हार्ट पर प्रेशर कम पड़ता है और दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा कम हो जाता है।

मूली फाइबर रिच सब्जी है, जो पेट को दुरुस्त रखने के साथ ही खाने को बेहतर तरीके से पचाने में मदद करती है। ऐसा होने पर शुगर लेवल अचानक से नहीं बढ़ता जो डायबीटीज के मरीजों के लिए बेहद जरूरी है। वहीं मूली में इंसुलिन को कंट्रोल करने के भी गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को चेक में रखता है।

मूली में डाइयुरेटिक क्वॉलिटी होती है जो किडनी को डिटॉक्स करने में मदद करती है। इससे बॉडी भी बेहतर तरीके से डिटॉक्स होती है और शरीर में विषैले तत्व इकट्ठा नहीं हो पाते। फाइबर रिच मूली पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हुए पेट को बेहतर तरीके से साफ करती है। इससे कब्ज की परेशानी दूर होती है और पेट की सेहत बनी रहती है।