बालासोर। ओडिशा के बालासोर तट से सेना ने बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-2 का पहली बार रात में परीक्षण किया गया, जो कामयाब रहा। मिसाइल न्यूक्लियर हथियारों के साथ 2000 किमी तक दुश्मन को मार गिराने में सक्षम है। सूत्रों ने शनिवार को बताया कि स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड ने एपीजे अब्दुल कलाम आईलैंड से यह परीक्षण किया। अग्नि-2 का पिछले साल भी टेस्ट किया गया था। इसकी मारक क्षमता को बढ़ाकर 3 हजार किमी किया जा सकता है।
डीआरडीओ ने मंगलवार को ही लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस का रात में अरेस्टेड लैंडिंग का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया था। डीआरडीओ ने दो महीने पहले ही दो सीट वाले एलसीए तेजस का गोवा के आईएनएस हंसा में पहली बार अरेस्टेड लैंडिंग कराई गई थी। एजेंसी ने बताया था कि यह टेक्स्टबुक लैंडिंग था।
15 साल पहले सेना में शामिल की गई थी मिसाइल
अग्नि-2 को 2004 में ही सेना में शामिल कर लिया गया था। ये जमीन से जमीन तक मार करने वाली मिसाइल है। 20 मीटर लंबी अग्नि मिसाइल को डीआरडीओ की एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी ने तैयार किया है। अग्नि को इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत तैयार किया गया है।
क्या खास है अग्नि में?
- दो स्टेज की मिसाइल, सॉलिड फ्यूल से चलेगी।
- लंबाई: 20 मीटर
- वॉरहेड: 1000 किलो ले जाने में सक्षम
- रेंज: 2000 किमी
- कौन से उपकरण लगे: सटीक निशाने पर पहुंचने के लिए हाईएक्युरेसी नेविगेशन सिस्टम।