नई दिल्ली। इंफ्रारेड इनेबल्ड स्मार्ट लाइट बल्ब की मदद से हैकर्स होम वाई-फाई नेटवर्क से जुड़े बाकी डिवाइसेज का डेटा चुरा सकते हैं या फिर उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं। यूएस में भारतीय मूल के साइंटिस्ट्स ने एक स्टडी में इस बात का खुलासा किया है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास सैन एंटोनियो (यूटीएसए) के रिसर्चर्स ने पॉप्युलर स्मार्ट लाइट ब्रैंड्स में मौजूद सिक्यॉरिटी होल्स का रिव्यू किया और पता लगाया।
स्मार्ट लाइट टेक्नोलॉजी में कई ऑटोमेटेड कंट्रोल्स और बेहतर परफॉर्मेंस टेक दी जाती हैं, जिनकी मदद से लाइट कंडीशंस के हिसाब से लाइट की ब्राइटनेस कम या ज्यादा हो जाती है। इस तरह डेलाइट को ट्रैक करने के लिए ऐसे स्मार्ट लाइट्स में इंफ्रारेड सेंसर्स लगे रहते हैं। यूटीएसए के प्रफेसर, मुर्तजा जदलीवाला ने कहा, ‘आपका स्मार्ट बल्ब इंफ्रारेड कैपेबिलिटीज के साथ आ सकता है और ज्यादातर यूजर्स नहीं जानते कि इनविजिबल वेव स्पेक्ट्रम को कंट्रोल किया जा सकता है।’
लाइट्स के लिए हब की जरूरत नहीं
प्रोफेसर ने कहा, ‘इन लाइट्स का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। इनकी मदद से टेक्स्ट से लेकर फोटोज तक का डेटा चुराया जा सकता है और इस डेटा में कंप्यूटर में स्टोर कोई भी फाइल शामिल हो सकती है।’ कुछ स्मार्ट बल्ब होम नेटवर्क से जुड़े होते हैं और इसके लिए उन्हें किसी स्मार्ट होम हब की जरूरत नहीं होती। ऐसे स्मार्ट लाइट्स इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) प्रॉडक्ट्स से कम्युनेट करने वाले सेंट्रलाइड हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर डिवाइस के बिना काम करते हैं।
दूसरे डिवाइस हो सकते हैं टारगेट
स्मार्ट होम हब, लोकल सर्वर पर या क्लाउड सर्विस की मदद से आपस में कनेक्ट होते हैं और UTSA, ब्लूटूथ या Z-Wave प्रोटोकाल इस्तेमाल करते हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि होम नेटवर्क से जुड़े बाकी डिवाइसेज का डेटा हैकर्स इनकी मदद से चुरा सकते हैं और इसके लिए बल्ब से निकलने वाली इनविजिबल वेव्स की मदद भी ली जा सकती है। इसे बाकी डिवाइसेज को टारगेट करने के लिए किसी टूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में मैन्युफैक्चरर्स को स्मार्ट बल्ब ट्वीक करने की जरूरत है।