नई दिल्ली। आरबीआई की मुख्य ब्याज दर में कटौती के बाद करीब छह दर्जन सरकारी बैंकों ने अपनी कर्ज दरों में 0.25 फीसदी तक की कटौती की है। हाल में ब्याज दर घटाने वाले सरकारी बैंकों के विवरण इस प्रकार हैं। आरबीआई ने इस महीने के शुरू में अपनी रेपो दर को 0.25 फीसदी घटाकर 5.15 फीसदी कर दिया है, जो नौ साल का निचला स्तर है।
इंडियन ओवरसीज बैंक ने कहा कि आरबीआई की रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौतीके अनुरूप उसने रिटेल सेगमेंट और एमएसई के लिए कर्ज दर में इतनी ही कटौती की है। नई रेपो लिंक्ड कर्ज दर आठ फीसदी होगी और यह एक नवंबर से प्रभावी होगी।
बैंक ऑफ इंडिया ने ओवरनाइट एमसीएलआर को 15 आधार अंक और एक साल वाली एमसीएलआर को 0.05 फीसदी घटा दिया है। एक फीसदी के सौवें हिस्से को एक आधार अंक कहा जाता है। नई दरें 10 अक्टूबर 2019 से प्रभावी हैं।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने सभी अवधि वाले कर्ज के लिए एमसीएलआर में 0.10 फीसदी कमी कर दी। इसके बाद एक साल की एमसीएलआर 8.40 फीसदी हो गई। बैंक ने कहा कि नई दरें आठ अक्टूबर 2019 से प्रभावी हैं। बैंक ने इससे पहले रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट को भी 0.25 फीसदी घटाकर 8.20 फीसदी कर दिया था। यह दर भी आठ अक्टूबर से प्रभावी है। बेस दर को हालांकि 9.50 फीसदी सालाना पर कायम रखा गया है।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रेपो बेस्ड लेंडिंग रेट (आरबीएलआर) को 0.25 फीसदी घटा दिया है। नई दर 10 अक्टूबर 2019 से प्रभावी है। इस कटौती से बैंक के हाउसिंग लोन (कम जोखिम वाली श्रेणी में) की ब्याज दर घटकर आठ फीसदी रह गई। एमएसई लोन की दर कटौती के बाद 8.95-9.50 फीसदी रह गई।
ओरिएंटल बैंक ने एक साल वाली एमसीएलआर को 8.40 फीसदी से घटाकर 8.35 फीसदी कर दिया है। नई दर 10 अक्टूबर 2019 से प्रभावी है। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया भी अपनी ब्याज दरों में कटौती कर चुका है। इस बैंक ने अपनी ब्याज दरें रेपो रेट से भी जोड़ी हैं।