रानू मंडल इन दिनों एंटरटेनमेंट की दुनिया में एक ऐसा सितारा हैं, जो रातों-रात अपनी आवाज की बदौलत स्टार बन गईं। स्टेशन पर गाने से लेकर किसी फिल्म के लिए गाने तक का सफर इतना आसान नहीं होता, लेकिन रानू अपनी जादुई आवाज की वजह से हर तरफ चर्चा में हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल विडियो में ‘एक प्यार का नगमा है’ गाती हुई रानू ने हाल ही में हिमेश रेशमिया की फिल्म के लिए अपने गाने ‘तेरी मेरी कहानी’ की रिकॉर्डिंग की और यह विडियो भी जमकर वायरल हुआ। चलिए, आज हम जानते हैं रानू के बारे में सबकुछ। वह कहां जन्मीं, कहां पली-बढ़ीं और उनकी लाइफ में क्या-क्या हुआ है।
रानू के हाथों का बना खाना खाते थे फरदीन खान
कहा जा रहा है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स की सनसनी बन चुकी जादुई आवाज वाली दूसरी लता जी यानी रानू रे उर्फ रानू बॉबी उर्फ रानू मंडल का बॉलिवुड से पुराना नाता रहा है। उनके हाथों का बना खाना कभी मशहूर फिल्म निर्माता, निर्देशक एवं अभिनेता फिरोज खान खाया करते थे। रानू फिरोज खान के घर में रहा करती थीं।
वहां वह खाना बनाने से लेकर झाड़ू-पोछा तक करती थीं। इतना ही नहीं फिरोज खान के बेटे मशहूर ऐक्टर फरदीन खान और भाई निर्देशक संजय खान का ख्याल रखती थीं। उनके रहने, खाने, सोने, उठने तक का खयाल रखाल रखती थीं रानू। बंगाली बोलने वाली रानू ने यह बातें टूटी-फूटी हिंदी में लड़खड़ाती जुबान से बात करते हुए कही।
13 साल की थीं रानू जब उनकी शादी हुई
रानू का जन्म 5 नवंबर 1960 को हुआ। उनका जन्म पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में कृष्णानगर के पास कार्तिकपारा गांव में हुआ था। उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ और पिता आदित्य कुमार फेरीवाला का काम करते थे। हालांकि, काफी छोटी थीं रानू जब उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया। रानू बच्ची ही थीं तभी उनकी शादी हो गई। रिपोर्ट्स की मानें तो केवल 13 साल की थीं रानू जब उनकी शादी बाबुल मंडल से हुई और वह भी उन्हें हमेशा के लिए छोड़कर इस दुनिया से चले गए। उनसे उन्हें एक बेटी भी हुई और बदनसीबी का आलम यह था कि करीब 10 साल पहले इस बेटी ने भी मां का साथ छोड़ दिया।
रानू की आवाज जब मुसीबत बन गई
रानू को सोशल मीडिया में शोहरत दिलाने वाले नादिया जिले के राणाघाट में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजिनियर अतींद्र चक्रवर्ती ने बताया कि रानू मंडल की दो शादियां हुई थीं। पहला पति वेस्ट बंगाल का ही था, जो रानू का ख्याल नहीं करता था। रानू 20 साल की उम्र से ही गाना गाया करती थीं। उनकी आवाज काफी मधुर थी। मगर, यही आवाज रानू के लिए मुसीबत बन गई। पति को रानू का क्लबों में गाना पसंद नहीं था।
उनके पति ने रानू पर तवज्जो देना बंद कर दिया। कुछ दिन बाद पति ने रानू को छोड़ दिया। इस पति से रानू को एक बेटा और एक बेटी है। पति के छोड़ने के बाद वह सन 2000 में मुंबई चली आईं, जहां वह इधर-उधर भटकने के बाद फिरोज खान के घर में नौकरी करने लगीं। वहीं बंगाल के रहने वाले बबलू मंडल से शादी कर ली और रानू रे से रानू मंडल हो गईं।
बबलू एक होटल में शेफ का काम करता था, लेकिन दुर्भाग्य से उसकी 2003 में असामयिक मौत हो गई। उसके बाद से रानू मानसिक रूप से टूट गईं और कुछ दिन इधर-उधर भटकने के बाद वह मुंबई से वापस पश्चिम बंगाल लौट गईं। यहां वह नादिया जिले व आसपास की जगहों पर गाना गातीं व भीख मांगती थीं।
इधर-उधर भटकती हुई रानू से लोग गाना सुनते थे और बदले में उन्हें पैसे व खाने का सामान दिया करते थे। बबलू मंडल से रानू को एक बेटा और एक बेटी है, जो राणाधाट में ही अपने किसी रिश्तेदार के पास रहते हैं। शायद उनके नाना-नानी हैं। इन दिनों जब पहले पति से हुई बेटी को मां की शोहरत के बारे में पता चला तो वह करीब दस साल बाद मां से मिलने राणाघाट आई।
पति का चेहरा भी याद नहीं
हालांकि, रानू की मानसिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वह सभी रिश्तेदारों को पहचान सकें। काफी मुश्किल से वह बेटी को पहचान पाईं। यह बेटी मानसिक रूप से विक्षिप्त मां द्वारा भीख मांगने की वजह से नाराज होकर उनका साथ छोड़कर चली गई थी। रानू की हालत अब भी ठीक नहीं है। उनको आज न तो पहले पति का चेहरा याद है और न उसके बारे में बात ही करना चाहती हैं।
मां रानू से मिलने मुंबई आई बेटी स्वाति
तमाम वायरल विडियो और रिकॉर्डिंग के बाद 10 साल पहले अपनी मां रानू से दूर हो चुकी बेटी आखिरकार मां से मिली। रिपोर्ट्स की मानें तो जब रानू अपनी बेटी स्वाति से मिलीं तो खुशी के मारे उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। रिपोर्ट्स की मानें जिस तरह से रानू रहती थीं, जो उनके जीने का ढंग था वह बेटी को नहीं पसंद था इसलिए उनके बेटी उन्हें छोड़कर चली गई थी। रानू स्टेशन पर गातीं और उन्हें आते-जाते लोग जो कुछ दे देते उसी से अपना गुजारा करती थीं। बताते हैं कि गरीबी से तंग आकर बेहतर लाइफ की तलाश में स्वाति उन्हें छोड़कर निकल गई।
हिमेश रेशमिया ने मुंबई बुलाया
अतींद्र बताते हैं कि पागल जैसी दिखने वाली रानू को नादिया रेलवे स्टेशन पर 2016 में तपन दास नामक एक युवक ने गाना गाते हुए विडियो बनाकर फेसबुक पर पोस्ट भी किया था, मगर कुछ खास तवज्जो नहीं मिली। 21 जुलाई को जब मैं राणाघाट स्टेशन पर ऑफिस जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहा था।
उस दौरान मेरी नजर रानू मंडल पर पड़ी और उनके गीतों को सुनकर मैंने विडियो बनाकर अपने फेसबुक पेज पर अपलोड कर दिया। लोगों का रिस्पॉन्स बेहतर मिला। विडियो देखते ही देखते वायरल हो गया। यही विडियो संगीतकार हिमेश रेशमिया ने देखा। कुछ दिनों बाद हिमेश का कॉल आया तो मैं रानू को लेकर मुंबई पहुंच गया।
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से हैं पीड़ित
रानू को एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर और वह पैनिक अटैक से पीड़ित हैं। हालांकि, उनका गाना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद रानू देखते ही देखते स्टार बन गई। उसके घर में लोगों की कतार लग गई। एक स्थानीय सलून ने रानू का मेकओवर करके उसकी सूरत ही बदल दी। जिस बेटी से दस साल पहले मां बिछड़ चुकी थी वह भी वापस आ गई।