नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने दो न्यूट्रॉन स्टार के बीच टकराव का अवलोकन करने के दो वर्ष बाद अब पता किया है कि इससे भारी मात्रा में सोना आर प्लैटिनम पैदा हो गया है। रॉयल ऐस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ने अपने मासिक बुलेटिन में एक विश्लेषण प्रकाशित किया है जिसमें सोने और प्लैटिनम के सैकड़ों प्लैनेट्स (ग्रह) का जिक्र किया गया है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, उन्होंने 2017 में जो टकराव देखा था, उससे वे 2016 में हुई इसी तरह की घटना पर दोबारा नजर डालने को मजबूर हो गए। तब उन्हें पता चला कि उस घटना में दो न्यूट्रॉन स्टार ने आपस में विलय कर किलोनोवा पैदा किया। बड़े-बड़े तारों के विस्फोट और टूटने के बाद बचे अवशेष न्यूट्रॉन स्टार कहे जाते हैं।
न्यूट्रॉन स्टार जब ब्लैक होल में मिल जाते हैं तो भी किलोनोवा का निर्माण होता है। 2016 में हुआ टकराव और फिर 2017 में उसी तरह की घटना से भारी मात्रा में सोना और प्लैटिनम पैदा हुआ। वैज्ञानिकों का मत है कि अब वे पृथ्वी पर सोने और प्लैटिनम की मौजूदगी व्याख्या कर पाएंगे। उन्हें लगता है कि ये बहुमूल्य धातु लाखों वर्ष पहले बने किलोनोवा के निर्माण के ही परिणाम हैं।
कहां हैं ये सारे गोल्ड?
सोने का यह भंडार गैलेक्सी (आकाशगंगा) एनजीसी 4994 में पाया जा सकता है जो पृथ्वी से 130 से 140 प्रकाश वर्ष दूर है। यानी, न्यूट्रॉन स्टार के बीच आज से 13 से 14 करोड़ वर्ष पहले टकराव हुआ था। यह अलग बात है कि इस पर वैज्ञानिकों की नजर कुछ साल पहले पड़ी। कुछ अंदाजा लगा पाएंगे कि पृथ्वी पर पाए जाने वाले गोल्ड के मुकाबले गैलेक्सी एनजीसी 4994 में कितना सोना है? दावा है कि पृथ्वी पर खानों से अब तक निकाले गए सोने को 20 मीटर के (क्यूब) घन में काटकर रखा जा सकता है।