नई दिल्ली। 1 जुलाई से जीएसटी के लागू होने के बाद जो मैन्युफैक्चरर बिना बिके हुए सामान पर रिवाइज्ड एमआरपी का टैग नहीं लगाएगा उन पर पेनल्टी भी लगाई जा सकती है, जिसमें जेल भेजा जाना भी शामिल है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को उपभोक्ता संरक्षण कानूनों में संशोधन किया है।
यह कदम केंद्र सरकार के उस फैसले के बाद सामने आया है जिसमें सभी ट्रेडर्स से कहा गया है कि उन्हें अपने बिना बिके हुए माल पर मौजूदा एमआरपी के साथ ही संशोधित एमआरपी का टैग भी लगाना होगा।
उन्हें ऐसा 30 सितंबर तक करते रहना होगा, एक अक्टूबर से सामानों पर सिर्फ नई एमआरपी का उल्लेख करना ही पर्याप्त होगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि उपभोक्ताओं को यह अंदाजा लग सके कि जीएसटी के लागू होने के बाद उनपर कितना असर पड़ा है।
गुरुवार को, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ‘दोहरी’ एमआरपी नीति पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यह एक ऐसी प्रैक्टिस है जिसकी मदद से मॉल, एयरपोर्ट और होटल जैसे स्थानों पर अपने प्रोडक्ट की हायर एमआरपी पर बिक्री किया करते थे।
इस आदेश के मुताबिक जो कि 1 जनवरी 2018 से अमल में आएगा, कंपनियों को प्रीमियम स्थानों पर पानी, शीतल पेय या स्नैक्स के लिए अलग कीमत वसूलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। महाराष्ट्र के लीगल मैट्रोलॉजी डिपार्टमेंट की ओर से की गई अपील के बाद यह निर्णय लिया गया है।