नई दिल्ली। पिछले वित्त वर्ष में फ्लैट की हुई बुकिंग को यदि घर खरीदार कैंसल करता है, तो उस पर ग्राहक से वसूला गया जीएसटी बिल्डर को वापस करना होगा। टैक्स विभाग ने साथ ही कहा कि इस रिफंड को बिल्डर जीएसटी की अन्य देनदारियों के साथ एडजस्ट कर सकता है।
यह स्पष्टीकरण केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने रियल एस्टेट सेक्टर के संबंध में बार-बार पूछे जाने वाले सवालों की जारी की गई एक ताजा सूची (एफएक्यू) में दिया है। यह एफएक्यू माइग्रेशन प्रावधान पर भ्रम को दूर करने के लिए जारी किया गया है।
माइग्रेशन प्रावधान के तहत बिल्डर्स एक अप्रैल 2019 से आवासीय इकाइयों के मामले में पांच फीसद की जीएसटी दर और सस्ती आवासीय इकाइयों के मामले में एक फीसद की जीएसटी दर अपना सकते हैं।इन मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा।
निर्माणाधीन परियोजनाओं के मामले में बिल्डरों को यह सुविधा दी गई है कि वे जीएसटी की नई या पुरानी दर व्यवस्था में से कोई भी अपना सकते हैं। इन मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा। निर्माणाधीन परियोजनाओं के मामले में बिल्डरों को यह सुविधा दी गई है कि वे जीएसटी की नई या पुरानी दर व्यवस्था में से कोई भी अपना सकते हैं।
एफएक्यू में कहा गया है कि कीमत में बदलाव या बुकिंग कैंसल किए जाने की स्थिति में बिल्डर धारा 34 के तहत घर खरीदार को क्रेडिट नोट जारी कर सकता है। बिल्डर ऐसे क्रडिट नोट से जुड़ी राशि पर भुगतान किए गए टैक्स को जीएसटी की अन्य देनदारियों के साथ एडजस्ट कर सकता है।