कोटा। विश्व वन्यजीव संरक्षण दिवस के अवसर पर रविवार को राष्ट्रीय जल बिरादरी एवं भारतीय सांस्कृतिक निधि के संयुक्त तत्वावधान में किशोर सागर के बीच स्थित जग मंदिर में संगोष्ठी आयोजित की गई। जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि कोटा के आसपास के जलस़्त्रातों व तालाबों में पक्षियों तथ वन्यजीवों के लिए वर्ष पर्यन्त जल उपलब्ध रहना चाहिए।
इंटेक के समन्वयक निखिलेश सेठी ने कहा कि मुकंदरा हिल्स टाईगर रिजर्व में सरकार द्वारा बनाई गई समिति की बैठक शीघ्र बुलानी चाहिए। जन सहभागिता के बिना वन्यजीवों का संरक्षण कैसे होगा। नेचर प्रमोटर एएच जैदी ने कहा कि वरधा बांध में लगातार सिंचाई के कारण पानी सूख गया है। जिससे जलीय जीवों के लिए अस्तित्व का संकट हो जाएगा।
इंटेक के सह समन्वयक बहादुर सिंह हाड़ा ने कहा कि जगपुरा के बाग का स्वरूप् बहाल किया जाए। जल बिरादरी के यज्ञदत्त हाड़ा ने कहा कि मुकंदरा में बाघिन को बार बार बेहोश कराना ठीक नहीं। बाघिन एम- 2 से वंशवृद्धि की संभावना है। संगोष्ठी में गीता दाधीच व स्वप्निल दाधीच,अजय यदुवंशी ने वन्य जीवों के संरक्षण संबंधी सुझाव दिए।