नई दिल्ली।राजधानी में आयोजित हो रही इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) में रिलायंस जियो के पैविलियल में एक डॉक्टर रिमोट लोकेशन पर बैठकर एक मरीज का लाइव अल्ट्रासाउंड कर रहे हैं। इसके लिए 5G नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसमें 4000 MBPS के स्तर की इंटरनेट स्पीड का इस्तेमाल किया जा रहा है।
एक अन्य जगह, भारती एयरटेल बता रहा है कि आप 5G का इस्तेमाल कर किस तरह से वर्चुअली एक आदमी को एक जगह से दूसरी जगह माइक्रोसॉफ्ट के होलोग्राम का इस्तेमाल कर भेज सकते हैं। 5G के सुपरफास्ट इंटनेट नेटवर्क के ऊपर टेलिकॉम कंपनियों ने माइग्रेट करना शुरू कर दिया है। भारत खुद ही इस नई टेक्नॉलजी की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है।
हालांकि टेलिकॉम मिनिस्ट्री, टेक कंपनियों और मोबाइल सर्विस प्रवाइडर्स ने कमर्शली इस तरफ कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं लेकिन आम जनता तक यह तकनीक 2020 या उसके बाद तक ही पहुंच सकेगी। रिलायंस जियो, वोडाफोन इंडिया और भारती एयरटेल जैसी टॉप टेलिकॉम कंपनियां सैमसंग, वावे और एरिक्सन जैसी टेक कंपनियों के साथ मिलकर यह बता रही हैं कि इस तकनीक का किन-किन चीजों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
चाइनीज कंपनी वावे इंडिया के सीईओ जे शेन ने कहा, ‘हम लोग इस तकनीक के लिए खास इक्विपमेंट तैयार कर रहे हैं ताकि खास कामों में इसका इस्तेमाल किया जा सके।’ सरकार 5G स्पेक्ट्रम ऑफर करने की तैयारी कर रही है। कंपनियों का कहना है कि यूजर्स अपनी डिवाइस अपग्रेड करने के बाद इस नई टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर सकेंगे।
कंपनियों का कहना है कि 5G टेक्नॉलजी का इस्तेमाल सेल्फ ड्राइविंग टेक्नॉलजी, रिमोट सर्जरी और वर्चुअल रिऐलिटी जैसी ऐप्लिकेशंस में किया जा सकता है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि टेलिकॉम कंपनियों के लिए 5G इंटरनेट स्पीड ऑफर करना काफी महंगा होगा। ऐसे में देखना है कि आम लोगों तक किस तरह यह सेवा सस्ते में पहुंच पाती है।