नई दिल्ली। कर्नाटक में मतदान के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने आखिरकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर दी। सोमवार को पेट्रोल के दाम 17 पैसे और डीजल के भाव 21 पैसे प्रति लीटर बढ़े। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 19 दिन के बाद संशोधन किया गया है।
इस बदलाव के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74.63 से बढ़कर 74.80 रुपए प्रति लीटर और डीजल 65.93 रुपए से बढ़कर 66.14 रुपए प्रति लीटर हो गया। इसके साथ ही डीजल रिकॉर्ड हाई पर जबकि पेट्रोल 56 महीने में सबसे महंगा हो गया।
तेल कंपनियों को 500 करोड़ के नुकसान का अनुमान
तेल कंपनियों ने कर्नाटक चुनाव के लिए मतदान होने से पहले करीब तीन हफ्ते से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को स्थित रखा था। 12 मई को कर्नाटक में मतदान हुए। उसके बाद 14 मई को तेल कंपनियों ने फिर से कीमतों की रोज समीक्षा शुरू कर दी। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 19 दिन तक बदलाव नहीं करने से तेल कंपनियों को करीब 500 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
क्योंकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होन से उनकी लागत में इजाफा हुआ। पिछले हफ्ते इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा था कि तेल कंपनियां कीमतों में तेज बढ़ोत्तरी हो कंज्यूमर के बीच घबराहट न हो इसके लिए कीमतों को अस्थायी तौर पर कम रखे हुए हैं।
24 अप्रैल से स्थिर थीं कीमतें
तेल कंपनियों की जारी से जारी डेली प्राइस नोटिफिकेशन बताता है कि 24 अप्रैल से पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रखी थीं। पिछले साल जून से कंपनियां लागत में बदलाव के अनुसार ऑटो फ्यूल की कीमतों की रोज समीक्षा करती हैं। इससे पहले, पिछले 15 साल से हर महीने की पहली और 16वीं तारीख को तेल की कीमतों की समीक्षा होती थी।
तेल कंपनियों ने यह मानने से इनकार कर दिया था कि कर्नाटक में बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों को फ्रीज रखा गया। इस सेक्टर से जुड़े एक एनॉलिस्ट का कहना है कि यदि तेल कंपनियां नियमित तौर पर अपनी समीक्षा जारी रखती तो बीते 19 दिन में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1.5 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हो जाती।
पेट्रोल-डीजल के अंतरराष्ट्रीय रेट 4 डॉलर से ज्यादा बढ़े
फ्यूल प्राइसिंग मैथ्डोलॉजी से जुड़े एक सूत्र ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि आज (सोमवार) से पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतें आखिरी बार 24 अप्रैल को बढ़ी थी, उस वक्त दोनों फ्यूल की कीमतों में 13-13 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई।
जबकि इस अवधि में बेंचमार्क इंटरनेशनल पेट्रोल रेट 78.84 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 82.98 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए। वहीं, बेंचमार्क इंटरनेशनल डीजल रेट इस अवधि में 84.68 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 88.63 डॉलर हो गया। इसके अलावा, इस अवधि में डॉलर के मुकाबले रुपया 66.62 के लेवल से लुढ़ककर 67 के स्तर पर हा गया। रुपए के कमजोर होने से आयात महंगा हुआ।
गुजरात चुनाव के दौरान भी घटे थे पेट्रोल-डीजल के दाम
दिसंबर 2017 में गुजरात चुनाव के लिए मतदान होने से पहले 15 दिन तक भी सरकारी तेल कंपनियों ने रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1-3 पैसे प्रति लीटर की रोजाना कटौती की थी। मतदान होने के बाद तेल कंपनियों ने तत्काल कीमतें बढ़ानी शुरू कर दी थी। ऐसे में उस वक्त भी यह अटकलें थी कि सरकार ने शायद तेल कंपनियों को कीमतें स्थिर रखने के लिए कहा था।