फेडरेशन ऑफ़ इंडियन स्पाइस स्टेकहोल्डर्स का राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

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जयपुर। भारत सरकार के स्पाइस बोर्ड ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष डाॅ. ए. जयतिलक ने कहा है कि मसालों के कारोबार में नई तकनीक के जरिए कच्चे मसालों को प्रसंस्कृत कर खाने में उपयोगी बनाने की जरूरत है।

उनके अनुसार निर्यात बाजार पर ध्यान देने के साथ ही हमें राजस्थान और गुजरात में होने वाली मसाला फसलों जैसे जीरा, धनिया, सौंफ और मैथी पर अधिक ध्यान देना होगा। वे यहां शुक्रवार को यहां फेडरेशन ऑफ़ इंडियन स्पाइस स्टेकहोल्डर्स (एफआईएसएस) के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में बोल रहे थे। 

फेडरेशन के चेयरमैन अश्विन नायक ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तेजी से बढ़ता हुआ उद्योग है, जिसमें रोजगार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इस अधिवेशन में महाराष्ट्र, गुजरात के कच्छ, सौराष्ट्र व ऊंझा, राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर जिलों और मध्यप्रदेश से करीब 500 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

गुजरात के कृषि उत्पाद विपणन कमेटी के अध्यक्ष गौरांग पटेल ने मसाला फसलाें संबंधी अधिक शोध पर जोर दिया। अधिवेशन में जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बलराज सिंह, कृषि अनुसंधान केंद्र बीकानेर के पूर्व निदेशक आर.पी. जांगिड़, मसाला परियोजना के प्रभारी डाॅ. एम.एल मेहरिया, भारतीय किसान संघ जोधपुर के तुलसाराम, फेडरेशन के सचिव तेजस भाई, निदेशक दिनेश सोनी भी मौजूद थे।

अधिवेशन में आज
अधिवेशन के दूसरे दिन के सत्र में भारत सरकार के कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय राज्य संसदीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव संतोष सारंगी मुख्य वक्ता होंगे।