नई दिल्ली। Hindenburg-Adani Case: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म की तरफ से आई रिपोर्ट के बाद 360-वन डब्ल्यूएएम (360-One WAM) ने आज यानी 11 अगस्त को को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया।
बता दें कि 360-One WAM एक एसेट और वेल्थ मैनेजमेंट फर्म है, जिसे पहले आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट (IIFL Wealth Management) के नाम से जाना जाता था। 360 One ने कहा कि आईपीई-प्लस फंड 1 (IPE-Plus Fund 1) में माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच का निवेश था, लेकिन IPE-Plus Fund 1 ने फंड के टेन्योर के दौरान डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से अदाणी ग्रुप के किसी भी शेयर में कोई निवेश नहीं किया।
अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर ने आरोप लगाया है कि सेबी चेयरपर्सन के पास इन फंडों के माध्यम से अदाणी ग्रुप की एंटिटीज में ‘हिस्सेदारी’ थी, जो ग्रुप के निदेशकों से जुड़े हुए थे और इनका इस्तेमाल धन निकालने के लिए किया गया था।
360-वन ने अपने बयान में खुलासा किया, ‘इन्वेस्टमेंट मैनेजर की तरफ से फंड को विवेकाधीन फंड (discretionary fund) के रूप में मैनेज किया गया था। किसी भी इन्वेस्टर की फंड के ऑपरेशन में या इन्वेस्टमेंट के फैसले में कोई भागीदारी नहीं थी। फंड में माधबी बुच और धवल बुच की हिस्सेदारी फंड में कुल फ्लो के 1.5 प्रतिशत से भी कम थी।’
क्या है IPE-Plus Fund 1: इसमें कहा गया है कि IPE-Plus Fund 1 पूरी तरह से अनुपालन और विनियमित फंड (fully compliant and regulated fund) था और अक्टूबर 2019 तक यह ऑपरेट हुआ था। फंड अक्टूबर 2013 में लॉन्च किया गया था।
वेल्थ मैनेजमेंट फर्म ने कहा कि जब इसका बिजनेस पीक पर था तब फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) लगभग 48 मिलियन डॉलर यानी 4.8 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें 90 प्रतिशत से ज्यादा फंड लगातार बॉन्ड में निवेश किया गया था।
क्या कहती है हिंडनबर्ग रिपोर्ट
सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ आरोप लगाते समय, हिंडनबर्ग ने एक व्हिसलब्लोअर के दस्तावेजों और IIFL के साथ कम्युनिकेशन का हवाला दिया है। हिंडनबर्ग की लेटेस्ट रिपोर्ट FPI के माध्यम से कथित उल्लंघनों और इन फंडों के माध्यम से धन की निकासी के मामले में अदाणी फर्मों को बचाने और जांच करने में पुरी बुच की निष्पक्षता पर सवाल उठाती है।
रिपोर्ट में अदाणी मामले में सेबी की तरफ से सार्थक कार्रवाई न करने की वजह का कारण FPI में बुच की हिस्सेदारी का हवाला दिया गया है। इसके अलावा, हिंडनबर्ग ने सेबी चेयरपर्सन पर ब्लैकस्टोन की मदद करने के लिए रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REIT) में सुधारों का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। बता दें कि सेबी चेयरपर्सन के पति धवल बुच मौजूदा समय में ब्लैकस्टोन के साथ काम करते हैं।