बिजली कटौती होगा अपराध, वितरण कंपनियों पर होगी कार्रवाई

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नई दिल्ली। अपने देश में अतिरिक्त बिजली उत्पादन के समय भी कटौती होती रहती है। ऐसे में अनावश्यक बिजली कटौती रोकने के लिए सरकार कानून में नया प्रावधान करने जा रही है।

गुरुवार को बिजली मंत्री आर. के. सिंह ने कहा कि अनावश्यक बिजली कटौती करने पर वितरण कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कंपनियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

राज्यों के बिजली मंत्रियों के साथ बैठक से इतर सिंह ने कहा कि यह जुर्माना सरकार के उस रोडमैप का हिस्सा है, जो सभी को निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति करने के लिए तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘मार्च 2019 से सभी को 24×7 बिजली देने के सरकार के विजन को पूरा करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है।

हम इसे कानूनी दायित्व बना देंगे कि अगर 2019 के बाद कोई अनावश्यक बिजली कटौती होती है तो वितरण कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसमें दैवीय और तकनीकी कारणों को शामिल नहीं किया जाएगा।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों को लगातार बिजली देने के वितरण कंपनियों के नैतिक दायित्व को अब इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट, 2003 के जरिए बाध्यकारी सेवा दायित्व बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सभी को लगातार बिजली देने की मांग को पूरा करने के लिए सिस्टम को हर तरह से मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा, ‘मैन्युअल मीटर रीडिंग का कोई सिस्टम नहीं होगा।

हम ह्यूमन इंटरफेस को खत्म करेंगे और ग्राहक अपनी जरूरत के हिसाब से उतनी ही बिजली के लिए मोबाइल से भुगतान करेंगे। इसके अतिरिक्त यह अनिवार्य बनाया जाएगा कि वितरण कंपनियां बिलिंग लॉस को ग्राहकों से वसूल न कर सकें।’

उन्होंने राज्यों के मंत्रियों से सभी को 24 घंटे बिजली देने का लक्ष्य हासिल करने के लिए बिजली वितरण हानि को 15 प्रतिशत से नीचे लाने पर जोर दिया।

सिंह ने 2018 तक 4 करोड़ परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिए सौभाग्य योजना शुरू करने की भी अपील की। सिंह ने कहा, ‘हमने बिजली वितरण (वाणिज्यिक और तकनीकी) हानि को कम किया है।

वर्ष 2019 तक सभी को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करने के लिए यह जरूरी है।’ सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा, ‘हम सौभाग्य योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक ग्राहकों को जोड़ने जा रहे हैं।

 इस तरह आपूर्ति में वृद्धि होने पर वितरण में हानि का बढ़ना भी संभव है, लेकिन हम इन घाटों को कम करने के लिए लगातार करदाताओं के पैसों पर निर्भर नहीं रह सकते।’ 

सौभाग्य योजना पर उन्होंने कहा, ‘हमने 2018 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है। हमें इसे पूरा करना है। हमने राज्यों में बिजली वितरण व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 9वीं पंचवर्षीय योजना से लेकर अब तक 90,000 करोड़ से अधिक दिया है।

हम विभिन्न योजनाओं के तहत धन उपलब्ध करा रहे हैं। वर्तमान में, किसी भी राज्य ने सौभाग्य योजना के तहत अपना प्रस्ताव पेश नहीं किया है। केंद्र ने इस योजना के तहत 16,320 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।’