नई दिल्ली। बजट से ठीक से पहले भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर बड़ा फैसला लिया है। नियामक ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे वरिष्ठ नागरिकों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में एक साल में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि नहीं करें।
दरअसल, इरडा के संज्ञान में आया है कि कुछ हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट में वरिष्ठ नागरिकों (60 साल और अधिक) के प्रीमियम दरों में काफी बड़ी वृद्धि की गई है। इसके बाद इरडा ने एक सर्कुलर जारी कर सभी जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को यह निर्देश दिया है।
इरडा के बयान में कहा गया है कि इस कदम का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के लिए बढ़ते हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर अंकुश लगाना और उनके वित्तीय बोझ को कम करना है, खासकर जब उन्हें उम्र और स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतों के कारण भारी बढ़ोतरी का सामना करना पड़ता है। इरडा, बीमा बाजार की बारीकी से निगरानी करना जारी रखेगा। नियामक विशेष रूप से इस बात पर ध्यान देगा कि वरिष्ठ नागरिकों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के संबंध में इन नए दिशानिर्देशों को कैसे लागू किया जाता है।
इरडा के सर्कुलर के मुताबिक अब बीमा कंपनियों को किसी भी पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट को वापस लेने से पहले नियामक से सलाह-मशविरा करना होगा। इरडा ने ये भी कहा कि बीमा कंपनी को अस्पतालों को इम्पैनल करने के लिए कदम उठाने होंगे और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) योजना के तहत या इसकी तर्ज पर पैकेज दरों को लेकर काम करना होगा।
पिछले साल सरकार ने दी थी राहत
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल अक्टूबर में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य कवरेज को मंजूरी दी थी। बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने बताया कि आयुष्मान भारत के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के छह करोड़ नागरिक आ चुके हैं।