कोटा। अब बारह महीने खाएं आम, जी हाँ कोटा जिले के गिरधरपुरा के एक किसान ने आम के ऐसे पेड़ लगाए हैं जो एक साल में तीन बार आम की फसल देते हैं। देश-विदेश में भी इसे काफी पसंद किया जा रहा है। दिल्ली में एक प्रदर्शनी के दौरान पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तो आम की इस किस्म से इतना प्रभावित हुए कि चार पौधे राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन में लगवा दिए।
अब इस आम की इटली, अमेरिका सऊदी अरब से डिमांड रही है। सदाबहार आम की इस किस्म के जनक हैं कोटा जिले के गिरधरपुरा के 50 वर्षीय काश्तकार श्रीकिशन सुमन।
वे बताते हैं कि मेरे पास आज इतनी डिमांड है कि मैं ऑर्डर पूरे करने लायक पौधे तैयार नहीं कर पा रहा हूं। वे बताते हैं कि इस सदाबहार आम में दूसरी किस्मों की तुलना में मिठास ज्यादा होती है। इसमें रेशे भी कम होते हैं। फल का बाहरी रंग ऑरेंज होता है और गूदा केसरिया रंग का होता है।
इसमें फल गुच्छों में लगते हैं, जबकि दूसरी किस्मों में ऐसा नहीं होता है। परंपरागत खेती करने वाले श्रीकिशन के परिवार को प्राकृतिक आपदा से नुकसान हो रहा था। तभी विचारआया कि ऐसी खेती क्यों नहीं हो सकती, जिसमें प्राकृतिक आपदा का संकट ही नहीं रहे।
इसके बाद देसी गुलाब पर अलग-अलग किस्म के गुलाब की ग्राफ्टिंग की तो एक ही पौधे पर कई तरह के गुलाब आने लगे। फूलों के बाद फलों में आम याद आया। अलग-अलग किस्म की 100 से ज्यादा गुठलियां बोई, पौधे बने, उनमें से विभिन्न किस्म के पौधे छांटे और मिक्स वैरायटी का आम तैयार किया।
इस पौधे पर सर्दी, गर्मी बारिश में फल आने लगे। बस, यहीं से उन्होंने इस पर नए प्रयोग करने शुरू कर दिए। अभी उनके पास 322 मदर प्लांट हैं। हर पौधे की शाखा से वह ग्राफ्टिंग करके शिशु पौधे तैयार कर रहे हैं।