नई दिल्ली। बीते कुछ महीनों से नेपाल के रास्ते भारत में खाद्य तेलों का आयात बढ़ रहा है। इससे घरेलू खाद्य तेल उद्योग की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। मलेशिया, इंडोनेशिया, अर्जेंटीना, रूस, यूक्रेन भारत के लिए मुख्य खाद्य तेल आपूर्तिकर्ता देश हैं। लेकिन बीते महीनों में नेपाल से तेल का आयात बढ़ा है।
इस बीच, देश में जनवरी महीने में पाम तेल का आयात 13 साल के निचले स्तर पर चला गया है। हालांकि चालू तेल वर्ष की पहली तिमाही में सोयाबीन तेल के आयात में भारी इजाफा हुआ है।
चालू तेल वर्ष (नवंबर से अक्टूबर) की नवंबर-जनवरी अवधि में 37.83 लाख खाद्य तेलों का आयात हुआ, जो पिछली समान अवधि के 36.47 लाख टन आयात से 3.72 फीसदी अधिक है। खाद्य व अखाद्य दोनों को मिलाकर इस अवधि में तेल आयात 6 फीसदी बढ़कर 39.08 लाख टन हो गया। हालांकि इस जनवरी खाद्य तेल आयात पिछली जनवरी के 12 लाख टन से घटकर 10.49 लाख टन रह गया।
नेपाल के रास्ते कितना आयात?
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के मुताबिक 15 अक्टूबर 2024 से 15 जनवरी 2025 के बीच नेपाल ने करीब दो लाख टन खाद्य तेल का आयात किया, जिसमें मुख्य रूप से कच्चा सोयाबीन और सूरजमुखी तेल शामिल था। इसी अवधि में नेपाल ने 1.10 लाख टन खाद्य तेलों का निर्यात भारत को किया। जाहिर है नेपाल ने आयात किए खाद्य तेल का आधे से ज्यादा भारत को निर्यात कर दिया।
SEA का कहना है कि चूंकि नेपाल से भारत आने वाला खाद्य तेल सस्ता पड़ता है। इसलिए नेपाल के रास्ते आने वाले इस खाद्य तेल से न केवल घरेलू खाद्य तेल उद्योग को नुकसान हो रहा है, बल्कि इससे किसानों के साथ ही सरकार को राजस्व के रूप में चपत लग रही है।
पाम तेल का आयात 13 साल के निचले स्तर पर
SEA से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भारत में जनवरी महीने में 2.75 लाख टन पाम तेल का आयात हुआ, जो पिछले 13 साल का निम्न स्तर है। साथ ही यह पिछले साल जनवरी में आयात हुए 7.80 लाख टन से भी करीब 3 गुना कम है। भारत में पाम तेल बाजार हिस्सेदारी और बिक्री में कमी आने की वजह उपभोक्ताओं द्वारा कम कीमत वाले आयातित सोयाबीन तेल की ओर रुख करना है। चालू तेल वर्ष की नवंबर-जनवरी अवधि में देश में 11.14 लाख टन पाम तेल का आयात हुआ है, जो पिछले तेल वर्ष की इसी अवधि में आयात हुए 18.45 लाख टन से कम है।
सोयाबीन एवं सूरजमुखी तेल का आयात बढ़ा
देश में चालू तेल वर्ष के दौरान कच्चे सोयाबीन तेल के आयात में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। SEA के मुताबिक नवंबर 2024 से जनवरी 2025 की अवधि में 12.72 लाख टन कच्चे सोयाबीन तेल का आयात हो चुका है, जो पिछले तेल वर्ष की इसी अवधि में आयात हुए 4.91 लाख टन से करीब ढाई गुना अधिक है। जनवरी महीने में सालाना आधार पर सोयाबीन तेल का आयात दोगुने से अधिक बढ़कर 4.44 लाख टन हो गया। सोयाबीन तेल का आयात बढ़ने की वजह इसके दाम पाम तेल से कम होना है। जनवरी महीने में भारतीय बंदरगाह पर कच्चे पाम तेल के दाम 1,170 डॉलर प्रति टन थे, जबकि कच्चे सोयाबीन तेल के दाम 1,118 डॉलर प्रति टन दर्ज किए गए। सोयाबीन के साथ ही कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात भी बढ़ रहा है। चालू तेल वर्ष में नवंबर-जनवरी अवधि में 8.93 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात हुआ, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 6.09 लाख टन था।