नई दिल्ली। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री ने कहा है कि यदि कपास तथा जूट का बाजार भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आता है तो सरकार किसानों से इसकी खरीद करेंगी।
सरकार इन दोनों औद्योगिक फसलों का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है और किसानों को उन्नत क्वालिटी का बीज एवं उर्वरक उपलब्ध निर्यात में कोई रुकावट न आए।
टेक्सटाइल सेक्टर के लाभार्थियों के साथ बातचीत करते हुए कपड़ा मंत्री को उससे लोकल के लिए वोकल होने का आग्रह भी किया। उनका कहना था कि स्थानीय उत्पादों के लिए ज्यादा जागरूकता होनी चाहिए और उसे वैश्विक बाजार तक पहुंचाया जाना चाहिए।
वैश्विक मंच पर भारतीय उत्पादों की पहचान एवं मांग बढ़ाने का अभियान जारी रखना होगा और इसके लिए सरकार हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।
देश में टेक्सटाइल (वस्त्र) उत्पादन बढ़ने पर उत्पादकों की आमदनी में वृद्धि होगी, रोजगार के नए-नए अवसर पैदा होंगे और देश को आत्मनिर्भरता बनाने का मजबूत आधार तैयार होगा। शिल्पकारों को सरकारी पोर्टल पर अपने व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहिए। भारत में कपास तथा जूट का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है और इसके विभिन्न मूल्य संवर्धित उत्पादों के निर्यात से देश को बहुमूल्य विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।
अन्तर्राष्ट्रीय निर्यात बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है इसलिए नई-नई टेक्नॉलोजी का इस्तेमाल होना आवश्यक है। इससे उत्पादों की गुणवत्ता का स्तर ऊंचा रखने तथा लागत खर्च घटाने में मदद मिलेगी। कपास का घरेलू बाजार भाव कुछ सप्ताह पूर्व घटकर नीचे आया था मगर अब पुनः तेज होने लगा है।