मुम्बई। भारत में कनाडा के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया से मसूर के आयात में जबदस्त बढ़ोत्तरी हो रही है जबकि आगे भी इसका सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के आरंभिक 10 महीनों में यानी अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के दौरान देश में मसूर का कुछ आयात तेजी से उछलकर 14,18,334 टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि के आयात 6,25,896 टन के दोगुने से भी ज्यादा है। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2021-22 के इन्हीं महीनों 35,80,499 टन मसूर का आयात हुआ था।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2019-20 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत में कुल 8,54,460 टन मसूर का आयात हुआ था जो 2020-21 में उछलकर 11,16,174 टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचने के आबाद वित्त वर्ष 2021-22 में घटकर 6,67,431 टन पर सिमट गया।
2022-23 के वित्त वर्ष में इसका आयात कुछ बढ़कर 8,58,438 टन पर पहुंचा जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के आरंभिक 10 महीनों में ही इसका आयात उछलकर 14,18,334 टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। फरवरी एवं मार्च 2024 का आंकड़ा सामने आना अभी बाकी है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दौरान देश में अप्रैल 2023 में 66,447 टन, मई में 61999 टन, जून 1,70,176 टन, जुलाई में 1,67,803 टन, अगस्त में 1,44,128 टन, सितम्बर में 1,91,531 टन, अक्टूबर में 1,43,685 टन तथा नवम्बर में 1,64,146 टन मसूर का आयत हुआ जबकि दिसम्बर 2023 में 1,60,673 टन तथा जनवरी 2024 इ 1,47,745 टन का आयात होने का अनुमान है।
मसूर का आयात शुल्क मुक्त है इसलिए कनाडा तथा ऑस्ट्रेलिया से विशाल मात्रा में इसे मंगाया जा रहा है। हालांकि इन दोनों देशों में मसूर का उत्पादन 2022-23 सीजन के मुकाबले 2023-24 के सीजन में घट गया लेकिन फिर भी भारत की जरूरत को पूरा करने के लिए वहां मसूर का निर्यात योग्य पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। इधर घरेलू प्रभाग में भी चालू रबी सीजन के दौरान मसूर का बेहतर उत्पादन होने के आसार