नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) ने शुक्रवार को कहा कि बाजार नियामक सेबी ने नए कमोडिटी डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म पर कारोबार शुरू करने की उसकी योजना पर रोक लगा दी है, जिसे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने विकसित किया है।
28 सितंबर के पत्र में बाजार नियामक ने एक्सचेंज को नए कमोडिटी डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म पर कारोबार शुरू करने की योजना स्थगित करने की सलाह दी है। एमसीएक्स का शेयर 8.7 फीसदी गिरकर 1,913 रुपये पर आ गया था, लेकिन नुकसान की कुछ भरपाई कर यह अंत में 2.1 फीसदी की नरमी के साथ 2,053 रुपये पर बंद हुआ।
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में प्रस्तावित बदलाव पर चेन्नई फाइनैंशियल मार्केट्स ऐंड अकाउंटेबिलिटी (सीएफएमए) से पत्र मिलने के बाद सेबी का यह फैसला हुआ है। सीएफएमए ने कमोडिटी डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म को लेकर याचिका दाखिल की थी और मद्रास उच्च न्यायालय में यह अभी लंबित है।
एमसीएक्स का इरादा 3 अक्टूबर से नए कमोडिटी डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म पर कारोबार शुरू करने का था। एमसीएक्स ने एक्सचेंज को भेजी सूचना में कहा है, नियामक ने सूचित किया है कि चूंकि यह तकनीकी मामलों से संबंधित है, ऐसे में इसकी चर्चा सेबी की तकनीकी सलाहकारी समिति की बैठक में की जाएगी, जो जल्द होगी।
एक्सचेंज ने कहा कि वह तैयार है और अनुमति मिलने के बाद नए प्लेटफॉर्म पर कारोबार शुरू करने का इच्चुक है। साथ ही वह नए कमोडिटी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर मॉक टेस्ट जारी रखेगा, जब तक कि सेबी से अगला निर्देश नहीं मिल जाता।
एमसीएक्स ने 14 घंटे तक मॉक ट्रेडिंग सेशन का आयोजन सात दिन तक किया और इसमें किसी तरह का तकनीकी अवरोध नहीं देखने को मिला। इस बीच, देसी ब्रोकरेज एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने एक नोट में 2,400 रुपये की कीमत लक्ष्य के साथ एमसीएक्स का शेयर खरीदने की अपनी सलाह बरकरार रखी है और इसके लिए नए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का हवाला दिया है, जो लंबी अवधि में मार्जिन सुधारने में मदद करेगा।
ब्रोकरेज ने कहा है, एमसीएक्स का लाभ वित्त वर्ष 23/24 ई में तकनीकी वेंडर को 1.4/3.3 अरब रुपये के उच्च भुगतान से प्रभावित हुआ, जिससे एबिटा मार्जिन घट गया। नए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की ओर जाने से उसे फायदा होगा।