केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल कोटा में व्यापारियों, उद्यमियों और कोचिंग छात्रों से करेंगे संवाद

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कोटा। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, कपड़ा तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य और सावर्जनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल रविवार को एक दिवसीय दौरे पर कोटा आएंगे। इस दौरान वे व्यापारियों, उद्यमियों और कोचिंग विद्यार्थियों से संवाद करेंगे।

केंद्रीय मंत्री गोयल रविवार सुबह जवाहर नगर स्थित एलन के सत्यार्थ सभागार में उद्यमियों और व्यापारियों से उद्यमी एवं व्यापारी समृद्धि संवाद कार्य में चर्चा करेंगे। इसके बाद वे कोचिंग विद्यार्थियों से संवाद भी करेंगे।

कोटा व्यापार महासंघ एवं दी एसएसआई एसोसियेशन द्वारा व्यापार उद्योग समृद्धि संवाद रूबरू कार्यक्रम 1 अक्टूबर को प्रातः 11:00 बजे एलन सत्यार्थ बिल्डिंग जवाहर नगर कोटा पर आयोजित किया जाएगा ।

महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं महासचिव अशोक माहेश्वरी एवं दी एसएसआई एसोसियेशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल और अध्यक्ष अमित सिंघल ने बताया कि समृद्धि संवाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला होंगे। अध्यक्षता वाणिज्य उद्योग कपड़ा एवं उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल करेंगे।

बैठक में समस्या रहित व्यवसाय एवं उद्योग का संचालन किस तरह से किया जाए मुद्दे को लेकर शुक्रवार को एक बैठक लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय कोटा पर आयोजित की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पहल पर भारत सरकार के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का कोटा में आकर व्यापार एवं उद्योग जगत की समस्याओं एवं विकास के लिए रूबरू होकर समृद्धि संवाद करना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने सभी संगठनों के पदाधिकारियों को आव्हान किया कि व्यापार उद्योग जगत में आ रही समस्याओं को लेकर लिखित में अवगत करायें, ताकि मंत्री महोदय के सामने रखकर उनका निराकरण करवाया जा सके.

बैठक में मौजूद व्यापारिक एवं औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में चल रहे लेबर सेस जीएसटी के सन् 2017 -18 के ऑडिट के नोटिस आ रहे हैं। जबकि जीएसटी के शुरू में चार-पांच वर्षों में बहुत बदलाव हुए थे, जिसे व्यापारी समझ नहीं पाए थे। भूलवश कुछ गलतियां हो जाने के कारण लाखों रुपए की पेलन्टी लगाई जा रही है। अतः पुराने ऑडिट को छोड़ा जाए और वर्तमान की ऑडिट को मान्यता दी जाए।

पर्यावरण विभाग द्वारा छोटी एवं बड़ी सभी इकाइयो में एक ही नियम लागू कर दिए हैं एवं प्रदेश स्तर पर पर्यावरण एनओसी दी जाती है। जबकि पूर्व में छोटी इकाइयों को जिला स्तर पर पर्यावरण की एनओसी मिल जाती थी। इसे वापस शुरू किया जाना चाहिए। साथ ही छोटे-छोटे उद्योगों पर ISI मार्का अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे कई छोटे-छोटे उद्योग बंद हो चुके हैं। अतः छोटे उद्योगों को ISI मार्का से मुक्त किया जाए।

जीएसटी के अंतर्गत आईटीसी में सप्लायर करने वाला अगर जीएसटी में डिफाल्टर होता है तो उसकी जिम्मेदारी खरीदार पर डाल दी जाती है, जो न्याय संगत नहीं है। अतः इसमें संशोधन होना चाहिए। कोटा में औद्योगिक वातावरण को पुनः विकसित करने के लिए वृहद उद्योगों की स्थापना होना चाहिए।

राज्य में एक फॉर्मा उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है, उसके लिए कोटा सबसे उपयुक्त जगह है। सभी वक्ताओं ने कोटा को पुनः औद्योगिक नगरी के रूप में स्थापित करने के लिए राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार से पहल करने का आग्रह किया। कोटा में सब्सिडी एवं इनकम टैक्स फ्री जोन की स्थापना हो, जिससे कोटा का चहुमुखी विकास हो सके।

बैठक को संबोधित करते हुए कोटा जिला सहकारी उपभोक्ता भण्डार के चेयरमेन हरीकृष्ण बिरला ने कहा कि कोटा में औद्योगिक विकास में आए ठहराव से यहां का रोजगार भी प्रभावित हुआ है। कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी ने कहा की लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर कृषि व्यवसाय में जीएसटी एवं खाद्य नियमों में आयी विसंगतियां में राहत मिली है। बैठक का संचालन जनरल मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार जैन ने किया ।