जयपुर। विधान सभा चुनाव में वोट बैंक मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की जनता को 1 जून से हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने का एलान किया है। राजस्थान में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं।
यह अलग बात है की 100 यूनिट बिजली फ्री करने के बिजली विभाग ने जनता पर 45 पैसे प्रति यूनिट का सरचार्ज लगा दिया है। यानी जितनी फ्री बिजली उतना ही सरचार्ज सरकार वसूल लेगी।
कहने को इन नई योजना के तहत 100 यूनिट प्रतिमाह खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं के सालाना 5200 करोड़ रुपये का बिजली बिल सरकार उठाएगी। 20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को हर साल बिल में 1800 करोड़ रुपये की छूट मिलती रहेगी। यह छूट 300 से 750 रुपया तक है। अनुमान जताया जा रहा है इससे सरकार पर कुल 7000 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा।
राज्य में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की कुल संख्या 124 करोड़ है। इनमें से करीब 1.04 करोड़ उपभोक्ता ऐसे हैं जो हर महीने 100 यूनिट से कम बिजली का इस्तेमाल करते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि अगर किसी यूजर के पास एक से ज्यादा कनेक्शन है तो जन आधार कार्ड पर दर्ज लोगों की संख्या के आधार पर इस योजना का लाभ दिया जाएगा। अगर तीन लोगों के परिवार में अलग-अलग कनेक्शन है तो वो इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपना दावा कर सकते हैं।
इधर सरकार के इस ऐलान के बाद बिजली प्रदाता कंपनियों ने बिलिंग सॉफ्टवेयर को अपडेट करने समेत अन्य जरूरी कार्य शुरू कर दिये हैं। सरकार द्वारा दी जा रही इस छूट का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ता को महंगाई राहत कैंप में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
इस कैंप में रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों को फिलहाल यह छूट नहीं दी जाएगी। अधिकारी ने कहा कि 76 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं ने मुफ्त बिजली के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। 100 यूनिट से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल करने पर उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा पहले से तय सब्सिडी मिलती रहेगी।