बेंगलुरु। कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में दो दिन से चल रही जोर आजमाइश के बीच सिद्धरमैया के नाम पर शीर्ष स्तर पर सहमति बनने के संकेत हैं। दावा है कि 89 विधायक सिद्धरमैया के समर्थन में हैं। पार्टी नेतृत्व के बुलावे पर वह सोमवार को दिल्ली भी पहुंच गए। हालांकि डीके शिवकुमार पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
बीमारी का हवाला देकर उन्होंने दिल्ली आने से इन्कार कर दबाव बनाने की कोशिश की। नेतृत्व शिवकुमार को नाराज नहीं करना चाहता। सम्मानजनक समायोजन के लिए अहम विभागों के साथ अब उन्हें उपमुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पास पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पहुंचने के बाद अब सबकी निगाहें शीर्ष नेतृत्व पर टिकी हैं। पर्यवेक्षक सुशील कुमार शिंदे, भंवर जितेंद्र सिंह व दीपक बावरिया ने रविवार देर रात तक विधायकों से मशविरेे के बाद सोमवार शाम दिल्ली में खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंपी। हालांकि, सिद्धरमैया ने दिल्ली रवानगी से पहले ही दावा कर दिया था, ज्यादातर विधायक मेरे पक्ष में हैं। इसके जवाब में शिवकुमार ने कहा, पार्टी ने मेरे नेतृत्व में चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की है।
शिवकुमार अब मंगलवार को दिल्ली आ सकते हैं। नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे उनके भाई और कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने देर शाम पार्टी अध्यक्ष खरगे से उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद मीडिया को उनके दिल्ली आने की बात कही।
खरगे आज कर सकते हैं घोषणा: कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि सीएम का चयन करने में खरगे ज्यादा समय नहीं लेंगे। सूत्रों के मुताबिक, पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद अब सोनिया गांधी व राहुल गांधी के साथ मशविरा करके मंगलवार को नए सीएम के नाम का एलान कर सकते हैं। नए सीएम को 18 या 20 मई को शपथ दिलाई जा सकती है।