नई दिल्ली। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण भारत का सोने का आयात 2022-23 में 24.15 प्रतिशत घटकर 35 अरब डॉलर रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में पीली धातु का आयात 46.2 अरब डॉलर रहा था।
आंकड़ों के अनुसार, अगस्त, 2022 से फरवरी, 2023 के दौरान सोने के आयात आयात में वृद्धि नकारात्मक क्षेत्र में रही। मार्च, 2023 में यह बढ़कर 3.3 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि एक साल पहले समान महीने में यह एक अरब डॉलर रहा था। हालांकि, बीते वित्त वर्ष में चांदी का आयात 6.12 प्रतिशत बढ़कर 5.29 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
सोने के आयात में भारी गिरावट के बावजूद देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद नहीं मिली है। आयात और निर्यात का अंतर व्यापार घाटा कहलाता है। वित्त वर्ष 2022-23 में व्यापार घाटा 267 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 191 अरब डॉलर रहा था। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, सोने पर ऊंचे आयात शुल्क और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण पीली धातु के आयात में गिरावट आई है।
एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘भारत ने अप्रैल-जनवरी, 2023 के दौरान लगभग 600 टन सोने का आयात किया। ऊंचे आयात शुल्क की वजह से यह घटा है। सरकार को घरेलू उद्योग की मदद करने के लिए शुल्क के हिस्से पर विचार करना चाहिए।’’
भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है। सोने के आयात से देश के आभूषण उद्योग की मांग को पूरा किया जाता है। मात्रा के लिहाज से भारत सालाना 800-900 टन सोने का आयात करता है।
बीते वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान रत्न और आभूषण निर्यात तीन प्रतिशत घटकर लगभग 38 अरब डॉलर रहा है। चालू खाते के घाटे (कैड) पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने पिछले साल सोने पर आयात शुल्क 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था।