नई दिल्ली। जीएसटी की व्यवस्था में जटिलताओं को लेकर परेशान व्यापारियों को अगले सप्ताह बड़ी राहत मिल सकती है। कारोबारियों का कहना है कि जीएसटी की व्यवस्था आने के बाद से उन पर टैक्स और प्रशासन का बोझ बढ़ गया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि यदि 9 और 10 नवंबर को होने वाली जीएसटी काउन्सिल की मीटिंग में सहमति बनती है तो सरकार कारोबारियों को मदद करने और इकॉनमी को मजबूती देने के लिए कुछ कदम उठा सकती है। पिछले महीने मंत्रियों के पैनल छोटे कारोबारियों के लिए टैक्स की दरों को कम करने की सिफारिश की थी।
जुलाई में केंद्र की मोदी सरकार ने एक साथ देश के 29 राज्यों में एक समान अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की शुरुआत की थी। इसके बाद से ही देश में छोटे एवं मझोले स्तर के कारोबारी वर्किंग कैपिटल की कमी के चलते मुश्किल में हैं।
नोटबंदी के फैसले से 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने और जीएसटी को लागू करने के तरीके को लेकर एक वर्ग मोदी सरकार की कड़ी आलोचना कर रहा है।
विश्लेषकों के मुताबिक इन दोनों फैसलों के चलते ही बीते 4 सालों में भारत की आर्थिक विकास दर सबसे कमजोर रही है। पीएम मोदी की ओर से जीएसटी में बदलाव का संकेत वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनस की रिपोर्ट में भारत के 30 पायदान ऊपर चढ़ने के बाद यह बयान आया है।
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में पावर सप्लाइ, विदेशी निवेशकों की सुरक्षा और अन्य कई सुधारों के चलते भारत की रैंकिंग में सुधार किया है। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जीएसटी और अन्य सुधारों को देखते हुए अगले साल भारत की रैंकिंग में और सुधरा है।