घोष की मधुर स्वर लहरियों पर महिलाओं ने किया कदमताल
कोटा। राष्ट्र सेविका समिति कोटा विभाग की ओर से वर्ष प्रतिपदा पर गुरुवार को शहर के विभिन्न मार्गों से पथ संचलन निकाला गया। समिति की प्रांत सह प्रचार प्रमुख रीना शुक्ला ने बताया कि संचलन मेजर ध्यान स्टेडियम से प्रारंभ होकर अकलंक स्कूल, तात्या टोपे पार्क, केशवपुरा चौराहा, महावीर नगर तृतीय चौराहा होते हुए स्वामी विवेकानंद विद्यालय में संपन्न हुआ। इस दौरान महिलाएं लाल धारी वाली साड़ी और सलवार सूट की गणवेश पहनकर उपस्थित हुईं।
मार्ग में विभिन्न संस्थाओं के द्वारा बनाए गए तोरण द्वारों पर स्वयंसेविकाओं का पुष्पवर्षा से स्वागत किया जा रहा था। वहीं, संचलन को देखने के लिए उमड़ रहे क्षेत्रवासी ‘भारत माता’ के जयकारों और वन्देमातरम् के उद्घोष से माहौल में राष्ट्रवाद घोल रहे थे।
सबसे आगे खुली जीप में भारत माता की झांकी सजाई गई थी। स्वयंसेविकाओं के द्वारा परम् पवित्र भगवत ध्वज को हाथों में थाम रखा था। संचलन प्रमुख आयुषी इंदौरिया सबसे आगे चल रही थी।
गणवेश पहने नन्हीं स्वयंसेविकाओं से लेकर बड़ी उम्र की महिला कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। आणक, प्रणव, वंशी और शंख से सजा घोष दल आकर्षण का केन्द्र था। संचलन के मार्ग में घोष दल के द्वारा किरण, प्रताप, चेतक समेत विभिन्न रचनाओं का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में समिति की क्षेत्रीय कार्यवाहिका प्रमिला शर्मा का उद्बोधन हुआ। अध्यक्षता उमा सिंह चीता ने की। मंच पर प्रांत कार्यवाहिका वंदना वजीरानी उपस्थित थीं। विभाग कार्यवाहिका बृजेश वैष्णव ने आभार प्रदर्शन किया। पल्लवी ने काव्य गीत “भारत हमारी मां है, माता का रूप प्यारा, करना इसी की रक्षा, कर्तव्य है हमारा…” प्रस्तुत किया। मुख्य शिक्षिका वर्षा लालवानी ने गीत “संगठन गढ़े चलो, सुपंथ पर बढ़े चलो, भला हो जिसमें देश का, वह काम सब किए चलो…” की प्रस्तुति दी।
इस दौरान संबोधित करते हुए प्रमिला शर्मा ने कहा की राष्ट्र सेविका समिति का 1936 में गठन हुआ था। भारत की बेटी तेजस्वी है, तेजस्विता की पहचान उसके रोम रोम में है। नारी राष्ट्र की आधार शक्ति है, इसलिए नारी को निरंतर कार्य करते रहना चाहिए।
उन्होंने कहा की भारत की परिवार व्यवस्था, भारत के ज्ञान विज्ञान को आत्मसात करके संगठन मातृत्व भाव के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, राष्ट्र सेविका समिति माता जीजाबाई, वीरांगना लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई होलकर को अपना आदर्श मानती है। जिस प्रकार जीजाबाई ने शिवाजी को तैयार किया हमें उसी प्रकार की नारियां तैयार करनी है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने हमें बताया है कि आवश्यकता पड़ने पर नारी हाथ में तलवार लेकर, घोड़े पर सवार होकर चल सकती हैं।
वह परिवार का भी ध्यान रखती है, इसलिए बेटे को भी पीठ पर सवार कर लेती है। प्रमिला शर्मा ने कहा कि कदम से कदम मिलाकर भारत माता को विश्व गुरु पद पर सुशोभित करने का संकल्प करना है। संचलन तो केवल समूह में जीवन जीने और विचार करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा था, नारी अष्टभुजा नहीं, 18 हाथ रखने वाली है। नारी अट्ठारह हाथों से कार्य करती है।
राष्ट्र सेविका समिति की शाखा व्यक्तित्व निर्माण की प्रयोगशाला है। परिवार व्यवस्था संस्कारों की खान है। भारत की पुनर्स्थापना के लिए एक साथ काम करते हुए जुड़ना होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर हमारा भी कार्य भी बढ़ना चाहिए।भारत को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश बनाना है। शाखा के माध्यम से ईश्वर हमें इतना शक्ति, ज्ञान और सामर्थ्य दें कि हम अपने काम को बढ़ा सकें।
उमा सिंह चीता ने कहा कि सेना के बाद पहली बार इस प्रकार कदमताल करते हुए महिलाओं को देख रही हूं। यह अद्भुत अनुभव है। महिला सशक्तिकरण की बात करते हुए आज हम आगे आ गए हैं। कभी सती प्रथा और बाल विवाह की बात होती थी। आज नारी कदम से कदम मिलाकर चल रही है। फ्लाइट और प्लेन तक उड़ा रही है।
उन्होंने कहा नवदुर्गा का समय देवी को नए रूप में पूजने का अवसर है। जो हमें बताती है कि देवी ने नौ अलग-अलग रूपों में लड़ाई लड़ी और यह बता दिया कि नारी शक्तिशाली होती है। पूर्ण रूप से सशक्त है। नारी मल्टीटास्कर होती है। यदि हम रिसर्च करें तो पाएंगे कि पुरुष जहां हफ्ते में 25 घंटे काम कर सकता है।
नारी 40 घंटे काम करने में सक्षम: वहीं नारी 40 घंटे काम करने में सक्षम होती है। वह विषम परिस्थितियों के अनुरूप भी ढलने में सक्षम होती है। उन्होंने कहा कि साहस हो तो चूमे चांद सितारे, अपना जीवन कर दो साहस के नाम। किसी कार्य को करने की अगर नारी ठान ले तो ईश्वर भी उसका साथ देता है।
संचलन में कोटा, बूँदी, सांगोद, रामगंजमंडी, इटावा और रावतभाटा से बहिनें भाग लेने पहुंची। इस अवसर पर प्रांत सह प्रचार प्रमुख रीना शुक्ला, विभाग सह कार्यवाहिका सोनल गोयल, विभाग सम्पर्क प्रमुख कविता शर्मा, महानगर कार्यवाहिका चेतना मोरवाल, मधु गोयल, ऋतु गोयल, श्वेता जैन, वंदना मित्तल, सौम्या सिंघल, सुनीता सामरिया समेत कईं पदाधिकारी उपस्थित रहीं।