लंका रूपी संसार में भक्ति की खोज है सुंदरकांड: श्याम महाराज

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कोटा। श्री राम कथा वाचक पंडित श्याम महाराज ने कहा है कि लंका रूपी संसार में भक्ति की खोज रामायण का सुंदरकांड है, जिसमें हनुमान जी जैसे कर्म योद्धा मां सीता की खोज करते हैं। जीवन में 9 द्वार जिनका शरीर से संबंध है, उनका दर्शन नवरात्र में भली भांति समझा जा सकता है।

उन्होंने सुमधुर भजनों “भज राधे गोविंदा रे पगले तन से पिंजरे को छोड़ कहीं उड़ जाए परिंदा” के माध्यम से बताया कि रामायण के जितने भी कांड हैं वो घटनाओं के संदर्भ में सातों कांडों में वर्णित है, जिनमें श्री राम के जीवन प्रसंगों का सुंदर चित्रण है मनुष्य को राम चरित्र मानस से ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। इसमें भक्ति और शक्ति दोनों का संगम इन विभिन्न कांडों में मिलता है।

श्री राम कथा के दूसरे दिन समन्वयक संजय गुप्ता ने बताया कि कथा में गीता भवन सत्संग आश्रम समिति के अध्यक्ष राजेंद्र खंडेलवाल, मंत्री रामेश्वर प्रसाद विजय, उपाध्यक्ष कुंती मूंदड़ा एवं चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राम कल्याण लड्ढा, पूर्व अध्यक्ष गीता सत्संग समिति के राधारमण राठी, पंकज बागड़ी, मोहनलाल अग्रवाल आदि वरिष्ठ लोगों ने श्याम महाराज का अभिनंदन किया।