कारोबारी रैंकिंग में भारत की लंबी छलांग, वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में 100वां स्थान

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नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे आर्थिक सुधारों का असर अब दिखने लगा है। जैसा कि सरकार को उम्मीद थी, मंगलवार को वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत ने ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैकिंग्स में लंबी छलांग लगाई है। पिछले साल के 130वें स्थान से 30 अंकों की छलांग लगाते हुए भारत अब 100वें नंबर पर पहुंच गया है।

खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी और कहा कि वर्ल्ड बैंक ने भारत के प्रदर्शन की सराहना की है। जीएसटी और नोटबंदी जैसे आर्थिक सुधारों को लेकर विपक्ष की आलोचना झेल रही मोदी सरकार के लिए इसे राहत की खबर माना जा रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत बेहतर करने वाले टॉप 10 देशों में शामिल है। वित्त मंत्री ने अलग-अलग क्षेत्रों में भारत के प्रदर्शन के बारे में भी जानकारी दी। उन्होने बताया, ‘छोटे शेयरधारकों की सुरक्षा के मामले में चौथे स्थान पर पहुंच गया है।

बिजनस के लिए क्रेडिट उपलब्ध कराने के मामले में भारत को 29वां स्थान मिला है, वहीं बिजनस के लिए इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन दिए जाने के मामले में भारत की रैंकिंग 29वीं है। जबकि टैक्स भरने में भारत की रैकिंग 119वें स्थान पर पहुंची है।’

उन्होंने बताया, ‘हमने स्थिति में सुधार किया है। टैक्स देने में हम 172वें स्थान पर थे, टैक्स सुधारों के कारण अब हमने इसमें 53 अंकों की छलांग लगाई है। इन्सॉल्वंसी को निपटाने के मामले में 33 स्थान की छलांग लगाकर भारत 103वें नंबर पर पहुंचा है।

कुछ और सुधारों का असर आने वाले साल में दिखने लगेगा। हम अपनी स्थिति में लगातार सुधार करेंगे। कंस्ट्रक्शन परमिट के मामले में हम 181वें स्थान पर हैं, हमने 8 अंको की छलांग लगाई है।’ गौरतलब है कि इन्सॉल्वंसी और बैंकरप्सी कोड, 2016 के जरिए सरकार ने एक बड़ा सुधार किया, जिसे पिछले साल की रैंकिंग में जगह नहीं मिल पाई थी।

जेटली ने बताया, ‘कॉन्ट्रैक्ट लागू करने के मामले में अभी और सुधार होने की उम्मीद हैं। रजिस्ट्रेशन ऑफ प्रॉपर्टी में भारत 154वें स्थान पर पहुंचा है। ट्रेडिंग अक्रॉस बॉर्डर आदि क्षेत्रों को ऑनलाइन किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में काफी काम किया जा रहा, आने वाले कुछ महीनों में इसका परिणाम दिखने लगेगा।

हम ईज ऑफ डूइंग बिजनस में 50वें स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।’ बता दें कि कुल 190 देशों में भारत पिछली साल की रैंकिंग में 130वें स्थान पर था। मोदी सरकार को उम्मीद थी कि जीएसटी के लागू होनेे के बाद इस रैंकिंग में सुधार आएगा और हुआ भी वैसा ही।