‘योगधारा’ में दिखा अध्यात्म और संगीत का अनोखा संगम

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कोटा में 40 से अधिक विदेशी मूल के सहजी कलाकार आध्यात्मिक प्रस्तुति देते हुए।

विदेशी कलाकारों ने दी शास्त्रीय संगीत के साथ कथक और भरतनाट्यम की प्रस्तुतियां

कोटा। सहज योग परिवार और उम्मेद क्लब कोटा के संयुक्त तत्वावधान में गुरूवार को नयापुरा स्थित क्लब भवन पर ध्यान, संगीत और नृत्य का अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक कार्यक्रम ‘योगधारा’ आयोजित किया गया। जिसमें 21 देशों के 40 से अधिक सहजी कलाकारों के द्वारा दी गई विभिन्न प्रस्तुतियों ने मनमोह लिया।

सहजयोग की प्रणेता निर्मला देवी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर योगधारा कार्यक्रम हुआ। इसमें तकरीबन 21 देशों के कलाकारों और संगीतज्ञों ने भाग लिया। योगधारा कार्यक्रम में संगीत और कला का शानदार संगम देखने को मिला। संगीत की धुन पर जब कलाकारों ने कथक और भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी तो पूरा परिसर तालियों से गूंज उठा। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया।

यूके से आई माधवी मस्कट ने “मेरा मुर्शिद खेले होली…” पर भरतनाट्यम की प्रस्तुति देते हुए भगवान कृष्ण की लीलाएं प्रस्तुत की। आस्ट्रेलिया की कोरेनोलिया पूना ने कत्थक नृत्य प्रस्तुत कर साधकों को भाव विभोर कर दिया। मुंबई की पिंकी गुप्ता ने कृष्ण लीला प्रस्तुत की।

इस अवसर पर प्रदेश समन्वयक नवनीत त्रिपाठी, जिला समन्वयक लोकेश खंडेलवाल, संयोजक अगम गुप्ता, पुरुषोत्तम शर्मा नोयडा के राहुल गुप्ता समेत कई साधक मौजूद रहे। योगधारा में आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, कनाडा फ्रांस, जर्मनी, यूके, रुस, यूक्रेन, इटली, रोमानिया, बेलारूस, हंगरी, चेक गणराज्य, बेनिन, ताईवान, स्विजरलैंड, यूएई और जर्मनी से सहजी कलाकार उपस्थित हुए।

माताजी निर्मला देवी को समर्पित किए गीत
इस दौरान माताजी निर्मला देवी को समर्पित “मैया तेरे चरणों की धूल जो मिल जाए…” की प्रस्तुति दी गई। मोरक्को की हुई च्वान, इमान चबाव और चीन की क्यू मकाऊ ने चाइनीज मातृ वंदना वु हाई नी.. (मदर वी लव यू…) प्रस्तुत की। नीदरलैंड के जॉय और ताईवान की हुई च्वान ने भी आध्यात्मिक गीत प्रस्तुत किए। इस अवसर पर राग भैरव पर आधारित गीत ने साधकों को भाव विभोर कर दिया। राष्ट्रगीत “वंदेमातरम..” से योगधारा का समापन हुआ।

रूस और युक्रेन के कलाकारों ने साथ में दी प्रस्तुति
योगधारा में रुस और यूक्रेन की जुगलबंदी भी चर्चित रही। यूक्रेन की एलेना और रुस की आन्या ने मिलकर राजस्थानी गीत “केसरिया बालम पधारो नी म्हारे देस…” प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान रुस की आन्या रानेगर ने गणेश वंदना की प्रस्तुति दी तो यूक्रेन की एलेना ने हारमोनियम पर साथ दिया। तबले पर भी यूक्रेन के सरगी पुचकोव संगत कर रहे थे। बेनिन के इवोन ने वंशी, बेल्जियम के जॉय ने सेक्सोफोन बजाया। इसके अलावा गिटार पर पूर्णानंद आटोलिया, ढोलक पर भारत के किशन और हारमोनियम पर वैभव ने संगत की।

योग का महत्व समझा, अभ्यास किया
योगधारा के दौरान माताजी निर्मला देवी की आवाज़ में डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। साधकों ने सहजयोग को भी महसूस किया। साधकों ने सहज योग को करीब से समझा और योगाभ्यास किया। आस्ट्रेलिया की ओडेसा कूपर ने घर में ध्यान करने की विधि बताई। ऐना बेल इराडस ने आत्म साक्षात्कार के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने जीवन में हुए परिवर्तन के बारे में बताया।