गुरुओं ने मानवता को कल्याण का मार्ग दिखाया है: लोकसभा अध्यक्ष बिरला

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नई दिल्ली। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन नई दिल्ली द्वारा बुधवार को आयोजित गुरु पूजन व सत्संग प्रोग्राम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सनातन संस्कृति में गुरु पूर्णिमा की महान परंपरा रही है।

गुरु वेद व्यास, ब्रह्मर्षि परशुराम, वाल्मीकि, विश्वामित्र, वशिष्ठ, द्रोणाचार्य, रविदास जैसे गुरुओं का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा की गुरुओं ने सनातन धर्म को समृद्ध किया है। मानवता को कल्याण का मार्ग दिखाया है। भारत की गुरु-शिष्य परंपरा में त्याग, समर्पण, विश्वास और निष्ठा का समावेश रहा है। जीवन से अंधकार को दूर कर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को ‘गुरु’ कहा जाता है।

जलवायु परिवर्तन के संकट, ग्लोबल वार्मिंग एवं पर्यावरण पर बिरला ने कहा कि आज आवश्यकता है कि दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक भारतवासी प्रकृति के महत्व को गंभीरता से समझे और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प ले। देश के हर एक नागरिक को इस बदलाव का हिस्सा बनना होगा।

आजादी का अमृत महोत्सव का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि अगले 25 वर्ष में हमारा देश दुनिया के शीर्ष पर होगा, अगर प्रत्येक देशवासी इसके लिए संकल्प धारण करें। बिरला ने कहा कि हर एक देशवासी अपनी निजी उन्नति के साथ, राष्ट्र उत्थान में बराबर का भागीदार बने, आज ये चेतना आवश्यक है।

‘आर्ट ऑफ लिविंग’ संस्था का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि मानवता और अध्यात्म के क्षेत्र में इस संस्था ने महान योगदान दिया है। इस संस्था ने साधारण मानव को व्यक्तिगत, सामुदायिक, राष्ट्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सशक्त और समर्थ बनाया है। बिरला ने यह भी कहा कि ससटेनेबल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के समायोजन के साथ मानवीय मूल्यों के पोषण के लिए आर्ट ऑफ़ लिविंग के साथ ही इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज़ की भी स्थापना की है।

बिरला ने कहा कि राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं के साथ ही समाज की प्रमुख समस्याओं को दूर करने के लिए भी यह इस संस्था काम कर रही है। युवा सशक्तीकरण कार्यक्रम, शिक्षा, युवा कौशल कार्यक्रम, सामूहिक हिंसा, नशा और शराब की लत से युवाओं को दूर करने का काम किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त भारतीय योग विधा और आध्यात्म के प्रसार के लिए विश्वभर में काम किया जा रहा है।