रिवर फ्रंट पर चंबल माता की प्रतिमा की चरण पादुका का पूजन

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कोटा। शहर में निर्माणाधीन विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल चंबल रिवर फ्रंट पर चंबल माता की 256 फीट की विशाल मूर्ति स्थापित की जाएगी। शुक्रवार को चंबल माता की प्रतिमा स्थापित करने के लिए रिवर फ्रंट पर प्रतिमा की चरण पादुका की पूजा अर्चना की गई।

वियतनाम मार्बल से निर्माण की जा रही इस प्रतिमा का निर्माण करीब 1500 पीस में किया जा रहा है। 55 पीस कोटा में पहुंच चुके हैं। जिनको अब पेडेस्टल पर स्थापित करने का कार्य शुरू किया जाएगा। करीब 26 करोड़ की लागत से तैयार हो रही दुनिया की सबसे ऊंची चंबल माता की प्रतिमा का वजन 1500 टन के करीब रहेगा। प्रतिमा बैराज गार्डन के पास स्थापित की जा रही है। इसका फेस नयापुरा की ओर होगा।

प्रतिमा से पानी का प्रवाह भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। प्रतिमा के ठीक नीचे 5 हाथी स्वागत करते नजर आएंगे। करीब डेढ़ फीट के दो पाइपों के जरिए भारी भरकम पम्प से प्रतिमा के शीर्ष तक पानी को पहुंचाया जाएगा। मूर्तिकार निर्मल शर्मा ने बताया कि जयपुर में 100 से अधिक कारीगर इस विश्व स्तरीय प्रतिमा को बेहद खूबसूरत बनाने जुटे हैं। जुलाई माह तक पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बनने वाली चंबल माता प्रतिमा रिवर फ्रंट पर स्थापित कर दिया जाएगा।

शनिवार को कार्यस्थल पर पूजा की गयी। जिसमें यूआईटी के अधिकारी, महापौर और कांग्रेस नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम में रिवर फ्रंट के डिजाइनर अनूप बरतारिया भी मौजूद रहे। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा इस रिवर फ्रंट में सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र बनेगी। रिवर फ्रंट के कार्य कंप्लीट होते ही पर्यटक को की भारी भीड़ कोटा में आएगी। जिसके लिए होटल्स में हजारों कमरों की जरूरत तुरंत होने वाली है।