नई दिल्ली। पेट्रोलियम उत्पादों पर वित्त वर्ष 2021-22 के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क के रूप में केंद्र सरकार का अप्रत्यक्ष कर राजस्व लगभग 24 फीसद बढ़कर 3,31,621.07 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि सूचना के अधिकार कानून के तहत दायर उनकी अर्जी पर केंद्र के दो विभागों ने उन्हें यह जानकारी दी है। गौरतलब है कि यह जानकारी ऐसे वक्त सामने आई है, जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 80-80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है, वहीं घरेलू रसोई गैस के दाम 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ा दिए गए हैं।
गौड़ ने आरटीआई कानून के तहत मिले ब्योरे के हवाले से बताया कि भारत में अप्रैल से दिसंबर, 2021 के बीच पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर 37,653.14 करोड़ रुपये का सीमा शुल्क वसूला गया, जबकि देश में इन पदार्थों के विनिर्माण पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में 2,93,967.93 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा हुए।
आरटीआई कानून से मिली जानकारी के मुताबिक, कोविड-19 के भीषण प्रकोप वाले पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल से दिसंबर के बीच पेट्रोलियम उत्पादों पर सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क की वसूली क्रमश: 25,025.33 करोड़ रुपये और 2,42,089.89 करोड़ रुपये के स्तर पर रही थी। यानी दोनों करों की मद में सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में इन उत्पादों पर कुल 2,67,115.22 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।