नई दिल्ली। सरकारी राशन लेने के लिए शुरू की गई वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना का लाभ 77 करोड़ लोगों को मिल रहा है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले एवं खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा को बताया, योजना का खाका प्रवासी मजदूरों को ध्यान में रखकर खींचा गया था। प्रवासी मजदूरों को सरकारी योजना का लाभ लेने में दिक्कत आ रही थी। आज ये योजना 35 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है।
योजना के तहत प्रवासी मजदूर अपने हिस्से का राशन उसी शहर में अपनी पसंद की दुकान से ले सकते हैं, जहां वो काम करते हैं, जबकि उनके परिवार के लोग बाकी अपने हिस्से का राशन अपने स्थान पर ले सकते हैं। मंत्री ने कहा, सरकारी राशन की दुकान पर लाभार्थी को सिर्फ अपना आधार नंबर बताना होता है। राशन कार्ड लेकर जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती। वो बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के बाद राशन ले सकते हैं। 7 करोड़ लोगों ने पोर्टेबिलिटी का भी लाभ लिया है।
15 वर्षों में 16 चीनियों को भारतीय नागरिकता
वर्ष 2007 के बाद से 16 चीनी नागरिकों को भारतीय नागरिकता दी गई। 10 आवेदन लंबित हैं। राज्यसभा में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने जानकारी दी कि देश में राष्ट्रीयता आधारित डाटा संरक्षित किया जाता है, जबकि समुदाय आधारित डाटा सुरक्षित नहीं किया जाता। राय ने कहा, भारत, शरणार्थियों पर 1967 के प्रोटोकॉल से संबंधित वर्ष 1951 में हुए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है।