नई दिल्ली।अरब सागर से उठा चक्रवात ‘ताऊ ते’ गुजरात के पोरबंदर तट से अब सिर्फ 150 किलोमीटर दूर है। राजस्थान तक इसका खतरा बना हुआ है। तूफान के रात 10 बजे तक गुजरात के पोरबंदर तट से टकराने की उम्मीद है। इसके बाद वग पोरबंदर और महुवा (भावनगर) से होते हुए राजस्थान की तरफ चला जाएगा इस दौरान उसकी गति 175 किलोमीटर प्रतिघंटे तक जा सकती है।(देखिये चक्रवात ताऊ ते लाइव)
ताऊ ते तूफान पालघर और वापी के समानांतर करीब 150 किमी दूरी से गुजर रहा है। तूफान की चक्रीय हवाओं की गति 165 किमी प्रति घंटा है। पिछले 6 घंटे से तूफान का केंद्र यानी ‘आई’ 13-14 KMPH की रफ्तार से गुजरात की ओर आगे बढ़ रहा है।
तूफान के गुजरने पर सबसे ज्यादा बारिश रत्नागिरी (400 मिमी) और गोवा में (300 मिमी) दर्ज हुई है। तटीय इलाकों में 60-70 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रहीं हैं। तट से टकराने के बाद तूफान कमजोर होता जाएगा। गुजरात में इसके असर से मंगलवार को भी दिनभर भारी बारिश हो सकती है। राजस्थान पहुंचते पहुंचते तूफान कमजोर होते होते डीप डिप्रेशन में बदलेगा। 18 मई की दोपहर तक कम दबाव के क्षेत्र में बदलते हुए हिमालय की ओर बढ़ जाएगा।
गुजरात में 23 साल बाद इतना भयानक तूफान
गुजरात में 23 साल बाद इतना भयानक तूफान आ रहा है। इससे पहले 9 जून 1998 में कच्छ जिले के कांडला में इतना भयानक तूफान आया था। इसमें 1173 लोगों की मौत हुई थी और 1774 लोग लापता हो गए थे। गुजरात के तटीय जिलों के 655 गांवों से करीब 1.5 लाख लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। पश्चिमी तट से हजारों मकान खाली कराए गए हैं।
NDRF की 100 से ज्यादा टीमें तैनात
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के डायरेक्टर जनरल (DG) मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया है कि राज्य के 17 जिलों को अलर्ट पर रखा गया है। 7 राज्यों में NDRF की 100 से ज्यादा टीमें तैनात हैं। गुजरात में सबसे ज्यादा 50 टीमें लगाई गई हैं। महाराष्ट्र में मुंबई सहित कई तटीय जिलों में तूफान की वजह से वैक्सीनेशन बंद करना पड़ा है। यहां मुंबई समेत कई शहरों में अलर्ट है।
गुजरात पर सबसे ज्यादा असर
मौसम विभाग का कहना है कि इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर पड़ेगा। द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, राजकोट, मोरबी और जामनगर जिलों में फूस के बने मकान पूरी तरह तबाह हो जाएंगे, मिट्टी के घरों को भी भारी नुकसान होगा, पक्के मकानों को भी कुछ नुकसान पहुंच सकता है। भारी बारिश के कारण कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं।