नई दिल्ली। बुधवार के कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 216 अंक की गिरावट के साथ 31797 के स्तर पर और निफ्टी 70 अंक की कमजोरी के साथ 9908 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप में 1.67 फीसद और स्मॉलकैप में 1.78 फीसद की कमजोरी देखने को मिली है। जुलाई महीने में करीब पांच फीसद बढ़ने के बाद, अगस्त में अबतक प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में 700 अंक या दो फीसद की कमजोरी दर्ज की गई है।
बुधवार के कारोबार में सेंसेक्स 32000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ है। वहीं, मंगलवार को निफ्टी 10,000 के स्तर से नीचे फिसल गया था।
यह गिरावट के कारण
भूराजनीतिक तनाव- अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ रहे तनाव (जियो पॉलिटिकल टेंशन) के चलते वैश्विक शेयर बाजार में कमजोरी देखने को मिल रही है। उत्तर कोरिया का कहना है कि वह अमेरिका के गुआम में मिलाइल अटैक की योजना बना रहा है।
कोरिया की ओर से यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के चंद मिनटों बाद आया जहां उन्होंने कहा था कि अमेरिका पर किसी तरह के खतरे से डटकर निपटा जाएगा।
सेबी के आदेश- बाजार नियामक सेबी ने शेल कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए सोमवार को 331 कंपनियों की सूची जारी कर दी है।
इनमें लिस्टेड कंपनियां भी हैं। काले धन पर रोकथाम लगाने के उदेश्य से सेबी ने कहा है कि इन कंपनियों में इस महीने ट्रेडिंग नहीं की जाएगी। मंगलवार से इनमें ट्रेड बंद कर दिया गया है।
मुनाफावसूली/प्रॉफिट बुकिंग- रियल एस्टेट, बैंकिंग और कैपिटल गुड्स जैसे सेक्टर्स में हुई मुनाफावसूली के चलते शेयर बाजार की चाल धीमी देखने को मिली। 31 जुलाई से आठ अगस्त तक सेंसेक्स 3.75 फीसद गिरकर 2104.33 के स्तर पर आ गया।
पिछले एक वर्ष में बीएसई पर बैंक-एक्स में 2.11 फीसद और कैपिटल गुड्स में 2.01 फीसद की कमजोरी दर्ज की गई है। इस साल जनवरी से जुलाई तक बीएसई रियल्टी इंडेक्स 66 फीसद और कैपिटल गुड्स इंडेक्स 30 फीसद तक बढ़ा है।
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