नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो (Jio) ने बुधवार को ग्राहकों से वॉयस कॉल के लिए 6 पैसे प्रति मिनट की दर से शुल्क वसूलने का ऐलान किया है। यह पहला मौका होगा, जब जियो की तरफ से वॉयस कॉल के लिए ग्राहकों से पैसा लिया जाएगा। अभी तक जियो केवल इंटरनेट डाटा का पैसा लेती थी और किसी भी नेटवर्क पर अनलिमिटेड मुफ्त वॉयस कॉल उपलब्ध कराती थी।
हालांकि अब जियो को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की तरफ से कॉल टर्मिनेशन चार्ज को खत्म किए जाने को लेकर की जाने वाली समीक्षा में हो रही देरी के बीच लिया इस तरह का फैसला लिया गया। लेकिन जियो की तरफ से भरोसा दिया गया है कि वो जियो के ग्राहकों को वॉयस कॉल शुल्क की भरपाई उतने ही कीमत का मुफ्त डाटा देकर करेगी।
जियो से जियो वॉयस काल रहेगी मुफ्त
कंपनी के बयान के मुताबिक जियो के अलावा अन्य कंपनियों के नेटवर्क पर कॉल के लिए छह पैसे प्रति मिनट की दर से चार्ज वसूला जाएगा। वहीं जियो यूजर्स की ओर से अन्य जियो के फोन और लैंडलाइन पर कॉल पर करने पर यह शुल्क नहीं लगेगा। साथ ही व्हाट्सएप, फेस टाइम और अन्य ऐसे प्लेटफॉर्म के जरिये किए जाने वाले कॉल पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा। वहीं, सभी नेटवर्क से आने वाले इनकमिंग कॉल पहले की तरह ही मुफ्त बने रहेंगे।
टेलीकॉम नियामक ट्राई ने 2017 में इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज (आईयूसी) को 14 पैसे से घटाकर 6 पैसा प्रति मिनट कर दिया था और कहा था कि यह शुल्क जनवरी 2020 तक पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन अब ट्राई ने परामर्श पत्र जारी कर प्रतिभागियों से यह पूछा है कि क्या इस समय सीमा को आगे बढ़ाने की जरूरत है। अगर ट्राई की तरफ से पुराने IUC की डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाती है, तो रिलायंस जियो पर IUC चार्ज का भारी बोझ पड़ेगा। ऐसे में कंपनी ने अभी से इसकी भरपाई शुरू कर दी है।
IUC चार्ज के तौर पर जियो ने दिए 13,500 करोड़ रुपए
जियो कंपनी को IUC चार्ज के तौर पर तीन साल में अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों जैसे भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को 13,500 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ा है। ट्राई के इस कदम से होने वाले नुकसान से बचने के लिए जियो ने अन्य नेटवर्क पर किए जाने वाले प्रत्येक कॉल के लिए 6 पैसा प्रति मिनट की दर से शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है।