प्रायोगिक प्रश्नों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी जेईई मेंस एवं बोर्ड-2020 परीक्षाओं में
कोटा। देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेंस-जनवरी-2020 प्रारंभ होने में लगभग 90 दिन शेष है। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार जेईई मेंस का आयोजन 6 जनवरी से 11 जनवरी के मध्य किया जाएगा तथा इसके तत्काल बाद बारहवीं बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा और फिर मार्च में बोर्ड परीक्षाएं प्रारंभ हो जाएगीं।
ज्ञात रहे कि पिछले वर्ष 2019 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाएं 16 जनवरी से प्रारंभ कर दी गई थीं।ऐसे में बारहवीं बोर्ड में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए लगभग 90 दिन का यह समय काफी महत्वपूर्ण है। कैरियर पॉइंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट देव शर्मा ने बताया कि जेईई मेंस तथा 12वीं बोर्ड में सफलता प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक रणनीति अपनानी होगी। जेईई मेंस एवं बोर्ड परीक्षाओं में तालमेल बैठाना ही इस रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। बेहतर तालमेल से ही बेहतर परीक्षा परिणाम प्राप्त होंगे।
देव शर्मा ने बताया कि प्राय: यह देखा गया है कि विद्यार्थी “प्रायोगिक प्रश्नों” को लेकर गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हैं। विद्यार्थी प्रायोगिक प्रश्नों तथा 12वीं बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा को काफी हल्के में लेते हैं। उपरोक्त गैर-पेशेवर रवैयै का उन्हें बोर्ड परीक्षाओं तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है। क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं, बोर्ड परीक्षाओं तथा प्रायोगिक परीक्षाओं में “प्रायोगिक भाग” से निश्चित तौर पर प्रश्न पूछे जाते हैं। किसी भी परीक्षा में सफलता हेतु परीक्षा के सिलेबस तथा प्रश्न पत्र के ब्लूप्रिंट को समझना आवश्यक होता है।
जेईई मेंस फिजिक्स में 20% प्रयोग आधारित प्रश्न
देव शर्मा ने बताया कि यदि जेईई मेंस के सिलेबस को ध्यानपूर्वक देखा जाए तो फिजिक्स में सिलेबस को “ए एवं बी” दो भागों में विभाजित किया गया है। बी-भाग में 22 प्रयोगों की एक सूची दी गई है तथा स्पष्ट किया गया है कि 20% प्रश्न इस प्रायोगिक भाग से ही पूछे जाएंगे। शर्मा ने बताया कि जेईई मैंस-2020 के नए परीक्षा पैटर्न अनुसार प्रत्येक विषय के 25 प्रश्न होंगे। इस आधार पर यह निश्चित है कि फिजिक्स में 5 प्रश्न तो प्रायोगिक भाग से ही पूछे जाएंगे।
यदि जेईई मेंस केमिस्ट्री के सिलेबस की बात की जाए तो यूनिट-28 “प्रायोगिक रसायन के सिद्धांत” के नाम से दी गई है। जेईई मेंस के पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अनुभव बताता है कि प्रायोगिक प्रश्नों पर आधारित इस यूनिट से निरंतर प्रश्न पूछे जाते हैं। देव शर्मा ने स्पष्ट किया कि यदि विद्यार्थी फिजिक्स एवं केमिस्ट्री के उपरोक्त प्रयोगों को सावधानीपूर्वक पढ़ें तो उन्हें बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा में, बोर्ड परीक्षा में तथा जेईई मेंस परीक्षा तीनों में ही बेहतर परिणाम मिलेंगे।
जेईई मेंस के ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर
जेईई मेंस जनवरी-2020 के आवेदन की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर है। आवेदन फीस 11 अक्टूबर तक जमा कराई जा सकती है। ज्ञात रहे कि बड़ी संख्या में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के लिखित आग्रह के पश्चात नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने अंतिम तिथि 30 सितंबर से बढ़ाकर 10 अक्टूबर की थी।विद्यार्थी प्रश्न पत्र के माध्यम के चयन में सावधानी बरतें।
क्योंकि प्रश्न पत्र के माध्यम का चयन एक बार करने के पश्चात बाद में से नहीं बदला जा सकेगा। जेईई मैंस- जनवरी-2020 का आयोजन हिंदी,अंग्रेजी एवं गुजराती भाषा में किया जाएगा। हिंदी अथवा गुजराती भाषा के प्रश्न पत्र में किसी प्रश्न में त्रुटि होने पर अंतिम निर्णय अंग्रेजी भाषा के प्रश्न पत्र के आधार पर ही लिया जाएगा। देव शर्मा ने बताया कि त्रुटि होने पर विद्यार्थी तनाव ना लें क्योंकि त्रुटि सुधार के लिए 14 से 20 अक्टूबर का समय दिया जाएगा।