नई दिल्ली। Volvo की अगले साल यानी 2020 से आने वाली नई कारें ‘ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम’ से लैस होंगी। इस मॉनिटरिंग सिस्टम में इन-कैबिन कैमरे (कैबिन में लगे कैमरे) और सेंसर्स शामिल हैं। ड्राइविंग के दौरान ध्यान भटकने या शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कंपनी यह फीचर लेकर आई है। वॉल्वो ने स्वीडन में हुए ‘सेफ्टी मोमेंट’ इवेंट में यह नया फीचर पेश किया है।
कंपनी ने कहा है कि वॉल्वो का विजन है कि 2020 से दुर्घटना के दौरान उसकी कार या एसयूवी में ना किसी की जान जाए और ना ही कोई गंभीर रूप से घायल हो। इस विजन को वास्तविकता में बदलने के लिए कंपनी 2021 से अपनी नई कारों में 180 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड लिमिट के साथ ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम लगाएगी।
ऐसे काम करेगा ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम
ड्राइवर नशे में है या कार पर उसका पूरा नियंत्रण नहीं है, यह निर्धारित करने के लिए वॉल्वो का ‘ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम’ सेंसर्स के माध्यम से कार की स्टीयरिंग और ब्रेकिंग का डेटा लेगा। साथ ही इन-कार कैमरों (कैबिन में लगे कैमरे) से मिले इनपुट का भी इस्तेमाल करेगा। ये डेटा ड्राइवर के कार चलाने के तरीके और शारीरिक हाव-भाव से जुड़े होंगे।
इनपुट मिलने के बाद यह सिस्टम ड्राइवर को अलर्ट जारी करेगा। अगर ड्राइवर इस अलर्ट पर ध्यान नहीं देगा, तो ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम कार की स्पीड कम कर देगा और वॉल्वो के कॉल सेंटर को अलर्ट करेगा। इसके बाद कॉल सेंटर से ड्राइवर को कॉल जाएगा। अगर इन अलर्ट और कॉल को भी ध्यान नहीं दिया गया, तो यह सिस्टम कार को धीमा करके इसे सुरक्षित ढंग से पार्क कर देगा।