कोटा।उपभोक्ताओं को अब डिजिटल भुगतान करने पर ही रसोई गैस सिलेण्डर मिलेगा । यदि उपभोक्ता ने डिजिटल भुगतान नहीं किया तो उसे गैस सिलेण्डर नहीं मिलेगा। केन्द्र सरकार ने सभी ऑयल कम्पनियों को इस संबंध में निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रदेश में ऑयल कम्पनी ने कोटा व अजमेर जिले को पायलट प्रोजेक्ट के रूप चुना है।
कोटा में 2.50 लाख गैस सिलेण्डर उपभोक्ता हैं। कम्पनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि मकसद इन उपभोक्ताओं को ऑनलाइन भुगतान के प्रति जागरूक करना है। इसी तरह अजमेर में दो लाख गैस सिलेण्डर उपभोक्ता हैं।
वर्तमान में उपभोक्ताओं के घरों पर सिलेण्डर आने पर कर्मचारी को नकद भुगतान किया जाता है, लेकिन अब कर्मचारियों ने नकद भुगतान से हाथ खींच लिए हैं। अब घर-घर जाकर कहा जा रहा है कि डिजिटल पेमेंट करें। यदि गैस सिलेण्डर का भुगतान नहीं करेंगे तो आगे से सिलेण्डर नहीं दिया जाएगा। इसके बाद अब कई लोगों ने मोबाइल पर डिजिटल भुगतान के लिए एप डाउनलोड कर लिए हैं।
केंद्र सरकार के निर्देश
पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने ऑयल कम्पनियों को निर्देश जारी किए हैं कि उपभोक्ताओं से गैस सिलेण्डर का अब ऑनलाइन तरीके से भुगतान लिया जाए। इसके लिए कम्पनियों ने प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कोटा व अजमेर जिले को चुना। इसकी कवायद शुरू कर दी है।
अरविंद गुप्ता, महासचिव, हाड़ौती एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन