डिजिटल साक्षरता एवं डिजिटल पेमेंट भविष्य की जरूरत-ओम बिरला

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डिजिटल पेमेंट एवं डिजिटल लिट्रेसी सेमिनार को सम्बोधित करते सांसद ओम बिरला

कोटा । सांसद ओम बिरला ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिकी भुगतान और प्लास्टिक मनी का उपयोग न केवल सुरक्षित  है, बल्कि गोपनीयता, अनुकूलता, अच्छे लेन -देन और कम वित्तीय जोखिम के लिए सूचना- तकनीकी युग में आवश्यक है । डिजिटल साक्षरता एवं डिजिटल पेमेंट भविष्य की आवश्यकता है। देश की वर्तमान परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने डिजिटल भुगतान की अन्य उपयोगिताओं का भी उल्लेख किया।

वे बुधवार को डिजिटल पेमेन्ट एवं डिजिटल लिटरेसी पर राज्य स्तरीय सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे। कोटा के राजरानी टावर में राष्ट्रव्यापी अभियान डिजिटल भुगतान की पहल पर इस सेमिनार का आयोजन किया था। बिरला ने कहा कि इसके प्रयोग से कालाधान, भ्रष्टाचार, कर चोरी और आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगेगी।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार कम नकदी अर्थव्यवस्था के निर्माण के प्रति प्रतिबद्ध है और वित्तीय समावेशन के दायरे के तहत और अधिक लोगों को लाने के लिए प्रतिबद्ध है और नकद-रहित गांव के लिए बेंचमार्क है जिसे हमने निर्धारित किया है। आने वाले समय में डिजिटल साक्षरता एवं भुगतान के प्रयोग से नवयुवक वर्ग एवं समाज  लाभांवित होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के  डिजिधन अभियान के माध्यम से हर ग्रामीण नागरिक, छोटे व्यापारी और व्यापारी को डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए सक्षम करना चाहता है।

रा.इ.सू.प्रौ.सं के महानिदेशक डॉ अश्विनी कुमार शर्मा ने  कहा कि मोबाइल पहुंच में वृद्धि के साथ, नागरिकों और व्यापारियों ने वित्तीय माध्यमों को चुनना शुरू किया है। मोबाइल वित्तीय लेनदेन के प्रकार पॉइंट ऑफ पर्चेस (पीओपी) और प्वाइंट ऑफ, क्सपटेंस (पीओए), लोगों को वित्तीय समावेशन के दायरे में खींचने के साथ साथ शहरी और ग्रामीण भारत के बीच डिजिटल अन्तर को भी कम कर रहे है।

उन्होने कहा कि भारत सरकार की जीएसटी योजना मे डिजिटल साक्षरता एवं भुगतान हेतू यह प्रशिक्षण शिविर व्यापारी वर्ग के लिए अतिमहत्वपूर्ण होगा। विधायक  संदीप शर्मा  ने कहा कि डिजिटल भुगतान एवं साक्षरता भारत सरकार की मुद्रा के लेन-देन में पारदर्शिता लाने हेतु अच्छी पहल है ।आर.जी.सी.एस.एम. स्कील्स के चैयरमेन डॉ. के.पी. सिंह ने कहा कि व्यापारियों के लिए यह प्रशिक्षण बहुत लाभकारी है।