New Criminal Laws: नए आपराधिक कानून देशभर में एक जुलाई 2024 से लागू होंगे

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IPC, CrPC और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे

नई दिल्ली। New Criminal Laws: औपनिवेशिक आपराधिक न्याय प्रणाली की जगह भारतीय न्याय प्रणाली के नए युग का एक जुलाई से आगाज हो जाएगा। सरकार ने शनिवार को बताया कि तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू होंगे और यह औपनिवेशिक आपराधिक न्याय प्रणाली की जगह लेंगे।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय न्याय संहिता 2023, एक जुलाई, 2024 से लागू होंगे।गृह मंत्रालय ने नए आपराधिक कानूनों के लागू होने की तारीखों को लेकर तीन अधिसूचनाएं जारी की हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को पारित किया गया था और 25 दिसंबर को राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद अब गृह मंत्रालय ने इस कानूनों के लागू होने की तारीख भी बता दी।

नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव होगा। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली IPC की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी।

बच्ची से रेप के दोषी को फांसी की सजा
पहले रेप की धारा 375, 376 थी, अब जहां से अपराधों की बात शुरू होती है, उसमें धारा 63, 69 में रेप को रखा गया है। गैंगरेप को भी आगे रखा गया है। बच्चों के खिलाफ अपराध को भी आगे लाया गया है। मर्डर 302 था, अब 101 हुआ है। 18 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप में आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है। गैंगरेप के दोषी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल।

3 विधेयकों से क्या बदलाव हुए?
कई धाराएं और प्रावधान बदल गए हैं। IPC में 511 धाराएं थीं, अब 356 बची हैं। 175 धाराएं बदल गई हैं। 8 नई जोड़ी गईं, 22 धाराएं खत्म हो गई हैं। इसी तरह CrPC में 533 धाराएं बची हैं। 160 धाराएं बदली गईं हैं, 9 नई जुड़ी हैं, 9 खत्म हुईं। पूछताछ से ट्रायल तक सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करने का प्रावधान हो गया है, जो पहले नहीं था।

सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा। देश में 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं। इनमें से 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में हैं। इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25,042 पदों में से 5,850 पद खाली हैं।

भारतीय न्याय संहिता में क्या बड़े बदलाव हुए

  • भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 20 नए अपराध जोड़े गए हैं।
  • ऑर्गेनाइज्ड क्राइम, हिट एंड रन, मॉब लिंचिंग पर सजा का प्रावधान।
  • डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं।
  • IPC में मौजूद 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है।
  • 33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ा दी गई है।
  • 83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।
  • छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।

राजद्रोह कानून खत्म
नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद अंग्रेजों के जमाने के कानून समाप्त हो जाएंगे। इसी के साथ इस कानून में राजद्रोह को खत्म कर दिया गया है।