बीजेपी ने टिकट वितरण से नाराज नेताओं को शांत करने के लिए बनाई कमेटी

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जयपुर। BJP Ticket Vitran: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद कई सीटों पर असंतोष और विरोध के स्वर सामने आ रहे हैं इस असंतोष और विरोध को शांत करने के लिए पार्टी को एक कमेटी का गठन करना पड़ा है।

केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में 10 अन्य लोगों को भी शामिल किया गया है। ये कमेटी सभी नाराज पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को समझाने का काम करेगी।

चुनाव संकल्प पत्र समिति के संयोजक अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि डैमेज कंट्रोल के लिए कमेटी बनी है। सांसद कैलाश चौधरी को उसका अध्यक्ष बनाया है। कमेटी में 10 अन्य नेता भी शामिल हैं, जो पार्टी के सभी नाराज कार्यकर्ताओं और नेताओं से बात करेंगे, उनको समझाने का काम करेंगे। सभी भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं, सबको समझा लिया जाएगा।

मेघवाल ने कहा कि देश की सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण, टिकट मांगने वालों की संख्या भी ज्यादा होती है, लेकिन सबको टिकट नहीं मिल सकता है। पार्टी ने सभी की राय और फीडबैक के आधार पर 41 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। जो नेता दावेदारी कर रहे थे, उनको टिकट नहीं मिला तो नाराजगी समर्थकों में होती है। कमेटी ने समझाइश का काम शुरू कर दिया है, जल्दी ही सब कुछ ठीक हो जाएगा।

दरअसल, जिन नेताओं के टिकट कटे हैं या जिन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया है उनमें से कुछ खुलकर तो कुछ दबी आवाज में विरोध जता रहे हैं। कई दावेदार सोशल मीडिया के जरिए तो कई समर्थकों के जरिए विरोध दर्ज करा रहे हैं।

मंत्री रह चुके राजपाल सिंह शेखावत के टिकट कटने से नाराज उनके समर्थक सोमवार देर रात तक वसुंधरा राजे के बंगले पर जमा हुए। क्षेत्र में बड़ी आम सभा भी बुलाई, जिसमें समर्थकों ने आगे की रणनीति पर चर्चा की हालांकि, राजपाल शेखावत ने आगे की रणनीति का खुलासा नहीं किया है।

अब चर्चा है कि राजपाल के समर्थन में कई पार्षद इस्तीफा देने की धमकी भी दे रहे हैं। शेखावत के समर्थक पार्टी कार्यालय भी पहुंचे और वहां थोड़ी देर धरना देकर हनुमान चालीसा का पाठ किया।

कोटपूतली से टिकट कटने पर पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी के प्रत्याशी रहे मुकेश गोयल ने खुलकर विरोध जताया है। इसी तरह किशनगढ़ से पिछले चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी रहे विकास चौधरी भी टिकट कटने से नाराज हैं। उन्होंने फेसबुक पेज पर अपना वीडियो डालकर विरोध जताया।

विरोध प्रदर्शनों में बुधवार को पार्टी को पहली राहत मिली जब विद्याधर नगर से मौजूदा विधायक नरपत सिंह राजवी बैकफुट पर जाते दिखे। उनके कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने मीडिया को कोई बयान नहीं दिया है। उन्हें जब मीडिया से बात करनी होगी तो सूचित कर दिया जाएगा।

नरपत सिंह राजवी के कार्यालय सहायक की ओर से राजवी के लेटर पैड पर जारी इस बयान में कहां गया है कि नरपत सिंह राजवी की ओर से किसी भी समाचार पत्र या न्यूज़ चैनल को कोई वक्तव्य नहीं दिया गया है।

राजवीर की ओर से जारी यह वक्तव्य भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए शेयर किया गया है। राजवी का वक्तव्य बता रहा है कि वह अपना टिकट काटे जाने के मामले में अब बैक फुट पर आ गए हैं।

बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए 41 प्रत्याशियों की जो सूची जारी की थी उसमें सिर्फ राजवी ही एकमात्र सेटिंग विधायक थे जिनका टिकट काटा गया है। इसके बाद आज एक समाचार पत्र में उनका इंटरव्यू छपा है जिसमें उन्होंने यह कहा है कि पता नहीं मुगलों के आगे घुटने टेकने वालों पर पार्टी मेहरबान क्यों है।

उनका इशारा सीधे तौर पर उनकी जगह उम्मीदवार बनाई गई सांसद दीया कुमारी की ओर था। दीया कुमारी जयपुर राजघराने से संबंध रखती है और इतिहास के अनुसार उनके पूर्वज बादशाह अकबर के साथ थे।