मन शांत होगा तभी हमें ईश्वर की उपस्थिति का अहसास होगा

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गीता भवन में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ आयोजित

कोटा। Shrimad Bhagwat Katha: गीता भवन में आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन शनिवार को भगवान कपिल के चरित्र की व्याख्या की गई।

कथाव्यास हर्षभट्ट महाराज ने कहा कि जिस प्रकार समुद्र में हुई वर्षा का, भरपेट खाकर तृप्त हुए व्यक्ति का, धनाढ्य व्यक्ति को दान देने का और सूर्य के प्रकाश में दिया जलाने का कोई मतलब नहीं होता है। उसी प्रकार हमने भी अपने जीवन में अंधकार के बहुत छोटे छोटे दिए जला रखे हैं। जिसके कारण परमात्मा रूपी चन्द्रमा बाहर ही खड़ा रह जाता है।

कथाव्यास हर्ष महाराज ने कहा कि जब तक हम अपनी वाणी को विश्राम नही देंगे, तब तक मन अशांत रहेगा। मन शांत होगा तभी हमें ईश्वर की उपस्थिति का अहसास होगा। आज सावन मास की हरियाली तीज का पवित्र दिन है। आज के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं। अविवाहित कन्याएं योग्य वर के लिए व्रत उपवास रखती हैं।

कथा में विदुर जी के भगवत प्रेम का करुण प्रसंग सुनाया। इस दौरान मीरा बाई का भजन “थारी चाकरी में चूक कोनी राखू म्हारा सांवरा… गाया तो महिलाएं और पुरुष भावविभोर होकर नृत्य करने लगे।

मुख्य यजमान राजेश मित्तल ने बताया कि प्रतिदिन गीता भवन पर 2 से 5 बजे तक कथा आयोजित हो रही है। जिसमें रविवार को नरसिंह अवतार, वामन अवतार, श्रीराम जन्म, श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन होगा। इसके बाद नंदोत्सव का भी आयोजन होगा।