नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 88 मिनट का भाषण दिया। इस भाषण में उन्होंने देश के हर कोने की बातों को समेटने, सरकार की उपलब्धियों को गिनाने के साथ ही अगले पांच साल का अजेंडा भी सेट कर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा। जिन मुद्दों को लेकर विपक्ष संसद के मॉनसून सत्र में आक्रामक था, पीएम मोदी ने गिन-गिनकर उनके बारे में बातें रखीं।
उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत ही मणिपुर से की। बता दें कि विपक्ष पूरे सत्र के दौरान हंगामा करता रहा और यही मांग करता रहा कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री खुद आकर जवाब दें। वहीं सरकार का कहना था कि इस मामले में सरकार चर्चा के लिए तैयार है और गृह मंत्री जवाब देंगे। इसके बाद कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आई जो कि धड़ाम हो गया।
मणिपुर से ही भाषण की शुरुआत
पूरे मॉनसून सत्र जिस मुद्दे पर विपक्ष प्रधानमंत्री का जवाब मांगता रहा उसे पीएम मोदी ने लालकिले के भाषण में प्रमुखता दी और सबसे पहले जिक्र किया। उन्होंने कहा, मैं विश्वास दिलाता हूं। पिछले सप्ताह नॉर्थ ईस्ट में, विशेषकर मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा। मां बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। पिछले कुछ दिनों से शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के लोगों के साथ हैं। पिछले कुछ दिनों से जो शांति बना रखी है, वही रास्ता अपनाएं। देश आपके साथ है। राज्य और केंद्र मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास करते रहेंगे।
असंतुलित विकास की बात कर विपक्षा को घेरा
संसद में मोदी सरकार पर देश में अलग-अलग हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर विपक्ष ने निशाना साधा था। इसके जवाब में पीएम मोदी ने असंतुलित विकास और तुष्टीकरण की बात की। उन्होंने कहा कि देश में 75 साल से जो असंतुलित विकास हुआ है उसके कुछ गंभीर परिणाम दिखाई देते हैं। किसी विशेष को अपना मानकर विकास के मानक बनाना देश के लिए अच्छे परिणाम देने वाला नहीं होता है। वहीं उन्होंने तुष्टिकरण को दीमक बताया जो कि देश को नोच रहा है।
महंगाई पर दिया जवाब
विपक्ष महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर अकसर हमला करता रहता है। लालकिले से पीएम मोदी ने महंगाई पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इसे कम करने के लिए जो भी प्रयास संभव हैं, जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना के संकट से दुनिया उबर नहीं पाया कि युद्ध का संकट शुरू हो गया। पूरी दुनिया को महंगाई ने दबोच लिया। हमारा दुर्भाग्य है कि सामान के इंपोर्ट के साथ हमें महंगाई भी इंपोर्ट करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि, सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के भरसक प्रयास किए हैं। पिछले साल की तुलना में हमें कुछ सफलता भी मिली है। लेकिन इससे संतोष नहीं कर सकते। दुनिया से हमारी स्थिति अच्छी है। लेकिन इसी सोच से काम नहीं चल सकता। मुझे देशवासियों से महंगाई के बोझ कम करने के लिए और भी कदम उठाने हैं। बता दें कि विपक्ष घरेलू और कमर्शल सिलेंडर, सब्जियों के दाम, टमाटर, पेट्रोल डीजल और दालों की महंगाई को लेकर सरकार पर सवाल खड़े करता रहा है।