नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्षओम बिरला ने सोमवार को संसद भवन परिसर में भारत दौरे पर आये ऑस्ट्रिया के संसदीय शिष्टमंडल से भेंट की । यह शिष्टमंडल ऑस्ट्रिया की नेशनल काउंसिल के प्रेसिडेंट वुल्फगैंग सोबोत्का के नेतृत्व में भारत के 5 दिन की यात्रा पर है। ऑस्ट्रिया की फेडरल काउंसिल की प्रेसिडेंट क्रिस्टीन श्वार्ज-फुक्स और आस्ट्रिया के अन्य सांसद इस शिष्टमंडल में शामिल थे।
इस अवसर पर दोनों पक्षों के बीच वैश्विक आतंकवाद को लेकर विस्तृत हुई चर्चा हुई। यह उल्लेख करते हुए कि भारत आतंकवाद की त्रासदी का शिकार है। बिरला ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण के विरुद्ध सम्पूर्ण विश्व को लड़ने की आवश्यकता है। बिरला ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भी चिंता जताई और कहा कि भारत कूटनीतिक प्रयासों से यूक्रेन में शांति की स्थापना चाहता है। उन्होंने कहा कि एक शांतिपूर्ण और सामंजस्य से परिपूर्ण विश्व में ही विकास संभव है और हम सभी को मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए।
बिरला ने भारत और ऑस्ट्रिया के बीच घनिष्ट मैत्रीपूर्ण सम्बन्धो का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों देश लोकतंत्र में गहरी आस्था तथा लोकतांत्रिक मूल्यों में अटूट विश्वास रखते हैं जो दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाती है। बिरला ने आगे कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया के विचारों में समानता है और दोनों ही देश सदैव ही विश्व में शांति और स्थिरता का पक्षधर रहे हैं । भारतीय मूल्यों के विषय में बिरला ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम की भावना से भारत का प्रयास रहा है कि पूरा विश्व प्रगति की ओर बढ़े तथा मानवता का कल्याण हो।
बिरला ने याद दिलाया कि जलवायु परिवर्तन की वैश्विक समस्या को दृष्टिगत रखकर भारत ने पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन को लेकर अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने आगे कहा कि COP-26 के तहत भारत कार्बन उत्सर्जन को वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत तक कम करने की दिशा में गंभीरतापूर्वक कार्य कर रहा है तथा भारतीय संसद ने इस मुद्दे पर अनेक बार गंभीर चर्चा की है।
बिरला ने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय संसदीय सहयोग में अग्रणी भूमिका निभाई है और अंतर-संसदीय संघ (IPU) और राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) जैसे अंतरराष्ट्रीय संसदीय मंचों में एक हमेशा सक्रिय भागीदारी की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के बीच नियमित बैठकों से दोनों देशों और वहां के लोगों के बीच परस्पर समझ और बढ़ेगी। यह उल्लेख करते हुए कि दोनों देशों की संसदों के बीच नियमित रूप से परस्पर संवाद होता रहा है। बिरला ने हर्ष व्यक्त किया कि ऑस्ट्रिया की संसद में एक ऑस्ट्रिया-भारत मैत्री दल गठित किया गया है और भारत की संसद में भारत-ऑस्ट्रिया मैत्री दल के गठन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।