Thursday, November 14, 2024
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तत्काल टिकट कैंसिल करने पर मिलेगा 50% रिफंड, नया नियम 1 जुलाई से होगा लागू

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है रेलवे। आपको बता दें की रेलवे 1 जुलाई से ट्रेन टिकट रिजर्वेशन नियमों के कई बड़े बदलाव करने जा रही है। तत्काल टिकट को कैंसिल करवाने पर आपको 50 फीसदी रिफंड मिलेगा। फिलहाल तत्काल टिकट कैंसिल करवाने पर कोई रिफंड नहीं मिलता है। इसके अलावा चलती ट्रेन में आरएसी टिकट को भी कंफर्म माना जाएगा। इतना ही नहीं रेलवे पेपरलेस टिकटिंग और कन्फर्म टिकट देने पर काम रही है।

तत्काल टिकट कैंसिलेशन पर मिलेगा 50 फीसदी रिफंड
1 जुलाई से तत्काल के तहत बुक की गई ट्रेन टिकटों को कैंसिल करवाने पर आपको 50 फीसदी पैसे वापस मिल जाएंगे। फिलहाल टिकट कैंसिल करने पर रेलवे एक भी पैसा वापस नहीं लौटाती है। रेलवे यात्रियों का सफर सुगम बनाने के लिए नियमों में बदलाव कर रही है।

लंबी दूरी के यात्रियों को मिलेगा कंफर्म टिकट
यात्रियों की सुविधाओं ने रेलवे ने लंबी दूरी की ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट के टिकट खत्म करने का फैसला किया है। शताब्दी ट्रेनों में सफर के बढ़ते रुझान के मद्देनजर यात्रियों को कंफर्म सीट उपलब्ध करवाने के लिए कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी। रेलवे वेटिंग लिस्ट टिकट बुकिंग सिस्टम को 1 जुलाई से बंद करेगी। शताब्दी ट्रेनों के यात्रियों को पेपरलैस टिकटिंग की सुविधा मिलेगी, उनके दिए मोबाइल नंबर पर टिकट मिलेगी।
बढ़ेगा तत्काल टिकट का बुकिंग टाइम
रेलवे एसी और स्लीपर क्लास के लिए तत्काल टिकट का एक-एक घंटे तक बुकिंग समय बढ़ाएगी। अभी एसी क्लास में तत्काल टिकट की बुकिंग सुबह 10 से 11 जबकि स्लीपर क्लास के टिकट की बुकिंग 11 से 12 बजे तक होती है। दोनों के समय को एक-एक घंटे बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है। हालांकि ट्रेन के चार्ट रिलीज होने तक तत्काल टिकट करवाने का प्रावधान है, बशर्ते तत्काल का कोटा बकाया हो।

ग्यारह माह के दौरान 24 फीसद घटा सोने का आयात

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नई दिल्ली। देश में बीते वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 11 महीनों के दौरान सोने के आयात में 24 फीसद की कमी आई। अप्रैल-फरवरी की अवधि में आयात का यह आंकड़ा 23.22 अरब डॉलर रह गया।

इससे चालू खाते के घाटे (सीएडी) पर अंकुश रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि में कुल सोना आयात 30.71 अरब डॉलर रहा था।

बीते दिन राष्ट्रीय राजधानी के सराफा बाजार में सोना 29 हजार 300 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था। अगर मात्रा के लिहाज से तो बीते वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में 560.32 टन सोना आयात किया गया।

वर्ष 2015-16 के दौरान यह आंकड़ा 968 टन था। भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है। यह आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है।

फिलहाल विदेश से सोना मंगाने पर 10 फीसद का आयात शुल्क लगता है। ज्वैलरी इंडस्ट्री और वाणिज्य मंत्रालय लगातार इस शुल्क को हटाने की मांग कर रहे हैं।

सोने के आयात में गिरावट के कारण बीते वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों के दौरान व्यापार घाटा (आयात और निर्यात का अंतर) घटकर 95.2 अरब डॉलर रह गया।

इससे पूर्व वर्ष की समान अवधि में यह 114.3 अरब डॉलर था। हालांकि वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मासिक आधार पर देखें तो सोने का आयात फरवरी में बढ़कर 3.48 अरब डॉलर हो गया।

बीते वित्त वर्ष के समान माह में यह आंकड़ा 1.4 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 2015-16 में चालू खाते का घाटा 22.1 अरब डॉलर था।

यह आंकड़ा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.1 फीसद बैठता है। इससे पिछले वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा 1.3 फीसद रहा था।

 

निजी पीएफ ट्रस्टों का हो विशेष ऑडिट, श्रम मंत्रालय सुधार समिति

नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय प्राइवेट पीएफ ट्रस्टों का ऑडिट या विशेष जांच कराए। संसद की श्रम मामलों की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश की है। ऐसा पाया गया है कि ये निजी ट्रस्ट कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की राशि अपनी कंपनियों में म्यूचुअल फंडों के जरिये निवेश कर रहे हैं।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से रेगुलेट होने वाले निजी ट्रस्ट पीएफ खातों और रिटायरमेंट बचत का रखरखाव करते हैं। इन ट्रस्टों को सरकार की ओर से तय निवेश प्रारूप में इस फंड का निवेश करना होता है।

ये ट्रस्ट छूट प्राप्त प्रतिष्ठान कहलाते हैं, क्योंकि वे कर्मियों का अंशदान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पास जमा नहीं करते। श्रम पर संसद की स्थायी समिति ने संसद में सात अप्रैल को अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी से जुड़े इन ट्रस्टों की ओर से अपने ही कारोबार में निवेश अनुचित है।

अपने फायदे के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि इन निजी पीएफ ट्रस्टों को मिली छूट की निश्चित अवधि के बाद समीक्षा होनी चाहिए। इससेईपीएफओ को कंपनियों की वास्तविक वित्तीय स्थिति का पता चलेगा। साथ ही कर्मचारियों के हितों को महफूज रखने में मदद मिलेगी।

समिति के मुताबिक इन ट्रस्टों के डीमैट खातों की भी अनिवार्य रूप से जांच की जानी चाहिए ताकि निवेश प्रारूप के साथ रिटर्न का सत्यापन हो सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते साल 31 दिसंबर तक इन ट्रस्टों के पास रिटायरमेंट फंड की कुल राशि 2.57 लाख करोड़ रुपये थी।

इसमें 5,475 करोड़ की बिना दावे वाली राशि शामिल है। समिति ने स्कीम में उचित संशोधन करने को कहा है ताकि पीएफ फंड के सालाना बही-खाते में उस कर्मी का नाम हो, जिसकी राशि बिना दावे के पड़ी है। यही नहीं, इससे यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि ऐसी राशि एक समयसीमा के बाद ईपीएफओ के पास स्थानांरित हो जाए।

हाफ गर्लफ्रेंड’ का ट्रेलर आज होगा लांच

बॉलीवुड एक्टर श्रद्धा कपूर और अर्जुन कपूर की आगामी फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ अभी से फैंस को आकर्षित करने लगी है। सोमवार को फिल्म का ट्रेलर लांच किया जाएगा। इससे पूर्व फिल्म की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें श्रद्धा कपूर और अर्जुन कपूर लिप लॉक करते देखे जा सकते हैं। गौरतलब है कि यह फिल्म चेतन भगत की किताब ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ पर आधारित है।कुछ दिन पूर्व फिल्म निर्माताओं ने टीजर रिलीज किया था जिसने हाफ-गर्लफ्रेंड शीर्षक पर सोचने को मजबूर कर दिया था। इस तस्वीर को चेतन भगत ने ट्विटर पर पोस्ट किया है। तस्वीर देखकर लगता है कि दर्शकों को दोनों की जोड़ी पसंद आएगी।

अर्जुन ने अपने ट्विटर पर ये वीडियो शेयर किया है जिसमें वो अचानक से पूछ बैठते हैं कि ‘ये बात पूछना जरूरी हो गया है ये हाफ गर्लफ्रेंड होता क्या है?’ इस फिल्म में अर्जुन कपूर और श्रद्धा कपूर लीड रोल में नजर आएंगे। फिल्म का ट्रेलर 9 अप्रैल को रिलीज किया जाएगा।अर्जुन कपूर इस फिल्म में एक बिहार में रहने वाले लड़के की भूमिका में दिखाई देंगे। अर्जुन कपूर ने पहली बार बिहारी लड़के का किरदार निभाया है और इसके लिए उन्होंने जमकर मेहनत की है। फिल्म की शूटिंग शुरु होने से पहले अर्जुन करीब दस दिन बिहार में रहने के लिए गए थे, ताकि वो अपने रोल में फिट बैठ सकें।
इस जोड़ी की साथ में ये पहली फिल्म हैं। आपके बता दें ये फिल्म लेखक चेतन भगत के ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ नॉवेल पर आधारित है। अर्जुन कपूर इससे पहले भी चेतन की नॉवेल ‘2 स्टेट्स’ पर बनी फिल्म में आलिया भट्ट के साथ काम कर चुके हैं। दोनो के फैन्स इस फिल्म के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रहें हैं।

10 के सिक्के को लेकर रिजर्व बैंक ने दी सफाई ,नकली का भ्रम न पालें

नयी दिल्ली । देश में दस रुपये के विभिन्न प्रकार के सिक्कों पर जनता के बीच भ्रम की स्थिति को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि कोई भी सिक्का अमान्य नहीं है और सभी सिक्के चलन में हैं। ये समय-समय पर जारी किये गये अलग-अलग डिजाइनों के सिक्के हैं।
बैंक का कहना है कि शेरावाली की फोटो वाला सिक्का, संसद की तस्वीर वाला सिक्का, बीच में संख्या में 10 लिखा हुआ सिक्का, होमी भाभा की तस्वीर वाला सिक्का, महात्मा गांधी की तस्वीर वाला सिक्का सहित अन्य सभी सिक्के मान्य हैं। केन्द्रीय बैंक के अनुसार इन सिक्कों को विभिन्न विशेष मौकों पर जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि दस रूपये के सिक्कों के लेनदेन को लेकर लोगों के बीच अक्सर विवाद खड़ा हो जाता है। ज्यादातर लोगों का कहना है कि दस पत्ती वाला वही सिक्का मान्य है जिसमें 10 का अंक नीचे की तरफ लिखा है और दूसरी तरफ शेर का अशोक स्तंभ अंकित है।केन्द्रीय बैंक के एक अधिकारी ने इस संबंध में स्पष्ट किया कि दस रूपये के सभी सिक्के वैध हैं।
सिक्के लेने से मना करना राजद्रोह
कॉरपोरेट मामलों के वकील शुजा ज़मीर ने कहा, भारत की वैध मुद्रा को लेने से इनकार करने पर राजद्रोह का मामला बनता है और जो ऐसा करता है उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (1) के तहत मामला दर्ज हो सकता है क्योंकि मुद्रा पर भारत सरकार वचन देती है। इसको लेने से इनकार करना राजद्रोह है।
राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में दस रूपये के सिक्कों को लेकर भ्रम की स्थिति है और कई दुकानदार और लोग इन सिक्कों को लेने से कतरा रहे हैं।सबसे ज्यादा विवाद उस सिक्के पर है जिसके बीच में 10 लिखा है और इसे नकली कहा जा रहा है। लेकिन आरबीआई की ओर से भेजे एक ईमेल में जानकारी दी गयी है कि यह सिक्का 26 मार्च 2009 को जारी किया गया था।
बिना रुपये के चिह्न वाला सिक्का भी है सही
आरबीआई ने कहा है कि केंद्रीय बैंक ने वक्त वक्त पर आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक थीम पर सिक्के जारी किए हैं और सिक्कों में 2011 में रुपये का चिह्न शामिल करने के बाद बदलाव आया। सिक्के लंबे समय तक सही रहते हैं इसलिए यह मुमकिन है कि बाजार में अलग-अलग डिजाइन और छवि के सिक्के हों, जिनमें बिना रुपये के चिह्न वाले सिक्के भी शामिल हैं। हालांकि आरबीआई ने किसी का भी लीगल टेंडर वापस नहीं लिया है और सारे सिक्के वैध हैं।
आरबीआई की ओर से 26 मार्च 2009 को जारी बयान में कहा गया है, रिजर्व बैंक जल्द ही 10 रूपये का नया सिक्का जारी करेगा। इस सिक्के के एक ओर विकास और संपर्क का प्रतीक पत्तियां होंगी और बीच में संख्या में 10 लिखा होगा और निचले हिस्से में देवनागरी में रुपये और अंग्रेजी में रुपी लिखा होगा। इसके दूसरे हिस्से में दो क्षैतिज लाइनें होंगी। चार शेर वाला अशोक स्तंभ होगा, जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा होगा।
26 मार्च 2009 को जारी एक अन्य बयान में आरबीआई ने कहा, आरबीआई 10 रुपये का नया सिक्का जारी करेगा जो तीन हिस्सों में विभाजित होगा। एक हिस्से में अशोक स्तंभ और इसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा होगा और साथ में संख्या में 10 लिखा होगा। ऊपरी हिस्से में हिन्दी और अंग्रेजी में भारत और इंडिया तथा निचले हिस्से में वर्ष लिखा होगा। वहीं दूसरा हिस्सा विविधता में एकता का परिचालक है, जिसमें चार बिंदु हैं जो देश के चार हिस्सों का प्रतीक हैं जो एक देश की पहचान के साथ आ रहे हैं। ऊपरी बाईं ओर शब्दों में दस रूपये और टेन रुपीज लिखा होगा।

वैष्णोदेवी वाला सिक्का भी असली

इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने आरबीआई के 75 वर्ष पूरे होने पर, संसद के 60 साल पूरे होने पर, माता वैष्णो देवी मंदिर बोर्ड की रजत जयंती पर, महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से वापस आने की शताब्दी पर, डॉ बीआर अंबेडकर के 125वीं जयंती पर, स्वामी चिन्मयानंद की जन्म शताब्दी के मौके पर सिक्के जारी किए हैं।

घरेलू हवाई यात्रा में भी दिखाना पड़ेगा पासपोर्ट या आधार

-दिनेश माहेश्वरी
नई दिल्ली। अगले दो-तीन महीनों बाद घरेलू हवाई यात्रा के दौरान भी आपसे पासपोर्ट या आधार कार्ड दिखाने को कहा जाए तो हैरान होने की जरूरत नहीं है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा वक्त में यात्रियों की पहचान बेहद जरूरी हो गई है। मंत्रालय जल्द ही एक ‘नो फ्लाई’ लिस्ट लाने वाली है, जिसमें चार तरह के अपराधों के हिसाब से कार्रवाई तय होगी।
हर तरह के अपराध के लिए अलग-अलग समयावधि का हवाई यात्रा बैन होगा। सूत्रों के मुताबिक, ‘इसे लागू करने के लिए हमें ऐसी व्यवस्था करनी होगी, जिससे यात्रियों की पहचान हो सके। यह तभी संभव होगा जब यात्रियों से बुकिंग के वक्त पासपोर्ट या आधार मांगा जाए। इन दोनों में से किसी एक दस्तावेज को चुना जाएगा।’
मंत्रालय अगले हफ्ते तक ड्राफ्ट नियम आम पब्लिक के सामने लाएगी। पब्लिक के पास कोई सुझाव देने का 30 दिन का वक्त होगा। एक विश्वस्त सूत्र के मुताबिक, ‘जून या जुलाई तक हम इस नए नियम को पूरी तरह लागू कर देंगे।’
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा काफी पहले से इस नो फ्लाई लिस्ट पर काम कर रहे हैं। मगर रविंद्र गायकवाड़ मामले के बाद इसकी बेहद जरूरत महसूस होने लगी है।
इसे लागू करने में कोई खास दिक्कत भी नहीं आएगी। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए पहले से ही पासपोर्ट मांगा जाता है। सरकार को बस इसी नियम को घरेलू उड़ानों के लिए भी लागू करना होगा। सरकार जहां एक ओर नो फ्लाई लिस्ट में अपराध और उनके हिसाब से हवाई बैन तय कर रही है, वहीं कई एयरलाइन्स कंपनियों ने बुरा बर्ताव करने वाले यात्रियों की पहचान करना शुरू कर दिया है।

अभी शादी फिक्स नहीं, जब होगी तब बताऊंगी : सोनाक्षी सिन्हा

मुंबई।  बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा आजकल अपनी अपकमिंग फिल्म ‘नूर’ के प्रमोशन में बिजी हैं। इससे पहले सोनाक्षी अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर काफी सुर्खियों में थीं। खबर थी कि वो बंटी साजदेह को डेट कर रही हैं। सिर्फ इतना ही नहीं खबरें तो ये भी आने लगी थीं कि वो शादी करने वाली हैं।
लेकिन हाल ही में जब सोनाक्षी से उनकी शादी को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘ये सब बकवास है। जब भी मेरी शादी फिक्स होगी, तो मैं खुद इस बात को पूरी दुनिया को बताऊंगी। इसमें छुपाने जैसा कुछ नहीं है।’
सोनाक्षी ने आगे कहा, ‘मैंने अभी तक शादी को लेकर कुछ सोचा ही नहीं है। लोग पता नहीं ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं।’
बता दें कि सुनील सिप्पी के निर्देशन में बनी ‘नूर’ पाकिस्तान की लेखक सबा इम्तियाज के नॉवल ‘कराची-यू आर किलिंग मी’ पर आधारित है। फिल्म 21 अप्रैल को रिलीज होगी। फिल्म में सोनाक्षी के साथ कनन गिल और पूरब कोहली लीड रोल में हैं।

भारतीय डिजाइन के साथ हेल्मेट के लिए ISI मानक जरूरी

नई दिल्ली। सरकार हेल्मेट के डिजाइन के साथ इनके निर्माण के मानक बदलने पर विचार कर रही है। भारतीय मानक ब्यूरो से नए मानक तैयार करने को कहा गया है।इसी के साथ गैस स्टोव की तरह गैर आइएसआइ हेल्मेट की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकती है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा गठित समिति ने हेल्मेट के डिजाइन व मानकों में परिवर्तन की सिफारिश की है।समिति के अनुसार पश्चिमी डिजाइन और मानकों के आधार पर बने होने के कारण मौजूदा हेल्मेट भारत की सामाजिक व मौसमी स्थितियों से मेल नहीं खाते।

ज्यादातर दोपहिया चालकों द्वारा हेल्मेट न पहनने की यह बड़ी वजह है।यदि हेल्मेट पहनना अनिवार्य करना है और लोगों में इसकी आदत विकसित करनी है तो इनके डिजाइन में बदलाव करना होगा। संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति में हेल्मेट व वाहन निर्माताओं की संस्था सियाम के अलावा भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) के विशेषज्ञ शामिल थे।इन सिफारिशों के आधार पर निर्माताओं से नए डिजाइन तथा बीआइएस से नए मानक तैयार करने को कहा गया है। नए डिजाइन में हेल्मेट को हल्का तथा ज्यादा से ज्यादा खुला रखने पर जोर दिया गया है।

मुख्य रूप से सिर का अगला और गर्दन का ऊपरी हिस्सा कवर होगा।भारत में करीब 29 फीसद सड़क दुर्घटनाएं दोपहिया वाहनों के साथ होती हैं। इनमें 31.5 फीसद मामलों में चालक व पीछे बैठी सवारी की मौत मुख्यतः हेल्मेट न पहने होने के कारण होती है। वर्ष 2015 में दोपहियों से जुड़ी 1,44,391 दुर्घटनाओं में 36,802 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1,35,343 लोग किसी न किसी स्तर पर घायल हुए। तेज रफ्तार वाहनों व बेहतर सड़कों के निर्माण के साथ दोपहिया वाहन चालकों के लिए सड़क पर खतरा बढ़ गया है।यही वजह है कि दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा को लेकर सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। सबसे बड़ी चिंता लोगों के हेल्मेट न पहनने की प्रवृत्ति को लेकर है। जबकि विभिन्न समितियां समय-समय पर हेल्मेट को अनिवार्य करने की सिफारिश कर चुकी हैं।

कई राज्यों ने हेल्मेट को अनिवार्य कर भी दिया है।लेकिन हेल्मेट के प्रति लोगों की अरुचि के कारण इसे लागू करना टेढ़ी खीर बना हुआ है। भारतीयों को हेल्मेट से इतनी चिढ़ क्यों है? दरअसल, भारत में जहां साल के आठ महीने गर्मी रहती है, हेल्मेट जैसा बंद कवच पहनना लोगों के लिए सजा से कम नहीं है।ज्यादातर हेल्मेट वजन में भारी, आकार में बड़े, आकृति में बेढब और गैस चैंबर की तरह बंद होते हैं। इससे पहनने वालों को उलझन महसूस होती है। गर्मियों में पसीने तथा फोम की सिंथेटिक रगड़ के कारण दोपहिया चालकों को अक्सर सिर में फुंसियां आने व बाल झड़ने जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। –

बिल्लो’ के बाद जरीन करेंगी हॉरर फिल्म में काम

मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस जरीन खान फिल्मकार विक्रम भट्ट की फिल्म ‘1921’ के साथ पहली बार हॉरर फिल्म के लिए तैयार हैं। इसके लिए वह रोज रात कुछ हॉरर फिल्में और धारावाहिक देखकर अपने किरदार की तैयारी में जुटी हैं। जरीन ने कहा कि मैंने कभी भी हॉरर फिल्मों में काम नहीं किया है, इसलिए यह मेरे लिए चुनौतीपूर्ण है।

लेकिन मैं इसके लिए उत्साहित हूं। फिल्म में अभिनेत्री की भूमिका का अभी खुलासा नहीं हुआ है। पिछली बार निर्देशक विशाल पांडे की ‘हेट स्टोरी 3’ में नजर आ चुकीं जरीन ने र्शूंटग शुरू होने से पहले की कुछ वर्कशॉप में भी भाग लिया। फिल्म की कहानी संगीत के छात्रों के ईद-गिर्द घूमती है।

सुनने में आ रहा है कि इसकी शूटिंग  मई से शुरू होगी और लंदन में बड़े पैमाने पर इसकी र्शूंटग होगी। जरीन ‘अक्सर 2’ में भी दिखाई देंगी। यह साल 2006 की फिल्म ‘अक्सर’ का सीक्वल है। अनंत महादेवन ने 2006 की फिल्म अक्सर का निर्देशन किया था। इसके सीक्वल का निर्देशन भी वह खुद करेंगे। इसमें इमरान हाशमी, उदिता गोस्वामी और डिनो मोरिया जैसे सितारे प्रमुख भूमिका में थे।

थर्ड पार्टी प्रीमियम में होगी सिर्फ 27 फीसद बढ़ोतरी

नई दिल्ली। वाहन स्वामियों को थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम की दर में राहत मिल सकती है। बीमा नियामक इरडा प्रीमियम बढ़ोतरी को कम करके 27 फीसद करने पर राजी हो गया है। इस पर ट्रांसपोर्टर भी राजी हो गये हैं। रिपोर्ट के अनुसार प्रीमियम के मसले पर ट्रक एसोसिएशनों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला किया है।

इरडा ने बीमा कंपनियों को पहली अप्रैल, 2017 से थर्ड पार्टी प्रीमियम (टीपीपी) में 41 फीसद तक की बढ़ोतरी की इजाजत दे दी है। इससे ट्रांसपोर्टर बेहद नाराज हैं। दक्षिण भारत के कुछ ट्रांसपोर्ट संगठनों तथा ट्रकों के संगठन अकोगोवा ने इसे लेकर पहली अप्रैल से कुछ राज्यों में चक्का जाम कर रखा था।

जबकि अखिल भारतीय संगठन आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआइएमटीसी) तथा अटवा ने पहले 20 अप्रैल और फिर आठ अप्रैल से हड़ताल का प्रस्ताव किया था।

ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ गुड्स व्हीकल ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चन्ना रेड्डी ने हैदराबाद से फोन पर बताया कि इरडा से शनिवार को हमारी बैठक हुई। उन्होंने प्रीमियम वृद्धि घटाकर 27 फीसद तक कर दी है। इसके बाद हड़ताल खत्म करने का फैसला किया गया। जल्दी ही दक्षिणी राज्यों में हालात सामान्य हो जाएंगे।

ट्रांसपोर्टरों के रुख को देखते हुए इरडा ने 27 मार्च को हैदराबाद में ट्रांसपोर्टरों और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। इसमें इरडा ने प्रीमियम को जायज ठहराते हुए संबंधित रिकॉर्ड देखने के लिए 15 दिन का समय दिया था।

इरडा का कहना था कि जब तक रिकॉर्ड की जांच नहीं हो जाती तब तक ट्रांसपोर्टरों को हड़ताल स्थगित कर देनी चाहिए। लेकिन ट्रांसपोर्टरों का कहना था कि जब तक उनकी पड़ताल पूरी नहीं हो जाती तब तक प्रीमियम बढ़ोतरी को ही स्थगित रखा जाए। इरडा के इस पर राजी न होने पर वार्ता विफल हो गई थी।

इसके बाद ट्रांसपोर्टर प्रतिनिधियों ने दिल्ली में वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार से मुलाकात कर मामले में दखल देने का अनुरोध किया। अगले दिन उन्होंने सड़क मंत्रालय के अफसरों के साथ भी बैठक की। सरकार के दखल के बाद इरडा ने ट्रांसपोर्टरों को पुनः हैदराबाद बुलाकर वार्ता की।

इस दौरान इरडा ने प्रीमियम बढ़ोतरी को 27 प्रतिशत पर सीमित करने का प्रस्ताव रखा। लेकिन जीएसटी, कैरिज बाय रोड एक्ट और टीडीएस समेत अन्य मांगों को लेकर एआइएमटीसी की 20 अप्रैल से प्रस्तावित हड़ताल को लेकर संशय बरकरार है।

इस पूरे प्रकरण से यह बात स्पष्ट है कि सरकार ट्रांसपोर्टरों के बीच मतभेद पैदा करने में कामयाब रही है। टीपीपी को लेकर सरकार का नजरिया स्पष्ट था। वह हर हाल में थर्ड पार्टी मोटर बीमा मुआवजे की राशि को पांच लाख रुपये पर सीमित करने पर आमादा थी।

जिसका प्रावधान मोटर वाहन संशोधन विधेयक, 2016 में किया गया है और जिसे शुक्रवार को ही लोकसभा में पेश किया गया है और जिसके शीघ्र पारित होने की संभावना है। मुआवजे की रकम कम होने के कारण ही इरडा के लिए टीपीपी प्रीमियम में कमी करना आसान हो गया है।

यह अलग बात है कि बीमा कंपनियों के वास्तविक खर्च को देखते हुए 27 फीसद की प्रस्तावित दर भी बहुत अधिक है और इसमें और कमी हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा।