Sunday, October 6, 2024
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राजस्थान में टेक्नो हब विकसित किए जाएंगे

‘जनरेशन वाय’ में प्रदेश को बुलंदियों पर पहुंचाने की काबिलियत – मुख्यमंत्री 

कोटा । मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि हमारी ‘जनरेशन वाय’ में वह हुनर, काबिलियत और ऊर्जा है कि वे चाहें तो देश और प्रदेश को दुनिया में बुलंदियों पर पहुंचा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हमें युवाओं के कौशल और हौसले पर पूरा भरोसा है, जरूरत है तो बस पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी को साथ मिलकर प्रदेश की समृद्धि और विकास के लिए काम करने की। 

श्रीमती राजे कोटा में शुक्रवार को राजस्थान डिजिफेस्ट के समापन समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और स्टार्ट अप कम्पनियां एक-दूसरे की सहभागी बनकर प्रदेश में विकास के सफर को आगे बढ़ायेंगे।

इसके लिए स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहित करने और इंक्यूबेटर्स की स्थापना के साथ-साथ टेक्नो हब विकसित किए जाएंगे। जयपुर में प्रदेश का पहला भामाशाह टेक्नो हब बनाया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा चुका है। अब हम डिजिटल राजस्थान की परिकल्पना को जमीन पर साकार करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

ई-मित्र और राजनेट की सुविधाओं के बाद अब विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ देने के लिए भामाशाह, राजस्थान सम्पर्क और पीओएस मशीन के माध्यम से राशन वितरण जैसी योजनाएं सफलतापूर्वक चल रही हैं।
 
श्रीमती राजे ने कहा कि प्रदेश में स्टार्ट अप ईको सिस्टम को और अधिक मजबूत करने के लिए नई स्टार्ट अप नीति बनी है। साथ ही, 500 करोड़ रुपये का स्टार्ट अप प्रमोशन फण्ड भी बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 600 से अधिक स्टार्ट अप शुरू हो चुके हैं। राज्य के 23 स्टार्ट अप्स को 14 करोड़ अमरीकी डॉलर से अधिक का फण्ड भी मिला है। य

ह राज्य में निवेश के माहौल की सफलता का सबूत है लेकिन हमें इस माहौल को और बेहतर बनाना है। इसके लिए राज्य सरकार कई स्तर पर प्रयास कर रही है। 

नवाचारों में देशभर में आगे राजस्थान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का एक मात्र ऎसा राज्य है जहां राज्य सरकार ने स्वयं पहल कर इंट्रा स्टेट एयर सर्विसेज की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि जयपुर लाइट हाउस प्रोजेक्ट शुरू करने वाला एशिया का पहला शहर है।

इसी प्रकार राजस्थान की रिफाइनरी परियोजना देश में एक मात्र ऎसी परियोजना है जिसमें रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स एक साथ होंगे। राजस्थान को ही ऎसा राज्य होने का गौरव हासिल है जहां पुलिस प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए संभाग स्तर पर अभय कमाण्ड सेंटर स्थापित किये जा रहे हैं। 

आई-स्टार्ट से मिलेगा स्टार्ट अप और निवेशकों को साझा मंच
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान राजस्थान स्टार्ट अप प्लेटफॉर्म आई-स्टार्ट भी लॉन्च किया। उन्होंने राजस्थान स्टैक डिजिस्थान ऑफ इंडिया का भी शुभारम्भ किया।

श्रीमती राजे ने कहा कि आई-स्टार्ट एक ऎसा एकीकृत स्टार्ट अप प्लेटफार्म है, जिसमें कम्पनी के रजिस्ट्रेशन के साथ ही उनमें निवेश करने वाली एंजल फण्डिंग और वेंचर केपिटल संस्थाओं को भी पंजीकृत किया जाएगा।

सभी स्टार्ट अप्स की रैंकिंग और रेटिंग की जाएगी ताकि सर्वश्रेष्ठ स्टार्ट अप को आसानी से फण्डिंग एवं अन्य अवसर उपलब्ध हो सकें।  उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में स्टार्ट अप शुरू करने वाले युवाओं के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा। 

 चैलेंज फॉर चेंज प्लेटफॉर्म के माध्यम से समाधान 
राजे ने इस अवसर पर चैलेंज फॉर चेंज प्लेटफॉर्म का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से युवा अपने नये विचार सरकार के साथ साझा कर सरकार के तंत्र को और अधिक बेहतर बनाने में सहयोग करें।

उन्होंने कहा कि विभिन्न जनसमस्याओं के समाधान और सेवाओं की बेहतरी के लिए सर्वश्रेष्ठ सुझाव एवं समाधान देने वाले युवाओं को राज्य सरकार के साथ काम करने के लिए एक करोड़ रुपये तक के ऑर्डर दिए जाएंगे। उन्होंने नई सोच और ऊर्जा के प्रोत्साहन के लिए राज्य में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने का आमंत्रण दिया।

कोटा क्लीन एनर्जी नेटवर्क का लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कोटा क्लीन एनर्जी नेटवर्क शहर की जनता को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल कोटा प्रदेश का पहला शहर है जहां नगर आधारित गैस वितरण प्रणाली की शुरूआत की गई है।

इस नेटवर्क के माध्यम से पहले चरण में पाइपलाइन से 3 हजार घरेलू गैस कनेक्शन, 9 वाणिज्यिक कनेक्शन एवं 24 औद्योगिक कनेक्शन दिए जा रहे हैं। वर्ष 2018-19 तक कोटा शहर के 20 हजार निवासियों को घरेलू गैस कनेक्शन, 21 वाणिज्यिक कनेक्शन एवं 27 औद्योगिक कनेक्शन दिए जाएंगे। 

सिआम कोटा के ऑडिटोरियम का शिलान्यास
राजे ने इस अवसर पर राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान (सिआम), कोटा के ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य का शिलान्यास भी किया। करीब 700 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाले इस ऑडिटोरियम के निर्माण पर 16.25 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने डिजिफेस्ट के दौरान विभिन्न विभागों और निजी आईटी कंपनियों द्वारा प्रदर्शित उत्पादों की प्रदर्शनी देखी। उन्होंने बेहतर नागरिक सेवाओं के लिए तैयार किए गए आईटी एप्स के संचालन की जानकारी ली। 

मुख्यमंत्री ने किया हैकाथॉन के विजेताओं को पुरस्कृत
राजे ने डिजिफेस्ट में आयोजित ’राजस्थान हैकाथॉन-कोटा’ प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में से चुनी गई प्रथम तीन टीमों को पुरस्कार दिए।

कोटा-जयपुर इंट्रा स्टेट हवाई सेवा का शुभारम्भ

कोटा का बरसों पुराना हवाई सेवा का सपना साकार हुआ – मुख्यमंत्री

दिनेश माहेश्वरी
कोटा। कोटा वासियों का नियमित हवाई सेवा से जुड़ने का बरसों पुराना सपना उस समय साकार हुआ जब मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने शुक्रवार को कोटा हवाई अड्डे से कोटा-जयपुर फ्लाइट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

सुप्रीम एयरलाइंस की इस हवाई सेवा के शुरू होने से राज्य ने एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। इस सेवा के शुरू होने से कोटा के विकास को नई गति मिलेगी। 

श्रीमती राजे ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के बड़े शहरों के बीच हवाई सेवा शुरू करने की जो महत्वाकांक्षी पहल की है उससे पर्यटन, उद्यमिता, चिकित्सा एवं शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि कोटा के निवासियों की एयर कनेक्टिविटी की बहुप्रतीक्षित मांग आज पूरी हुई है।

देश भर में शिक्षा नगरी के रूप में कोटा की पहचान है। इस सेवा के शुरू होने का लाभ देशभर से यहां कोचिंग के लिए आने वाले छात्र-छात्राओं और अभिभावकों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी होगा। इससे समूचे हाड़ौती क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

10 महीने में 10 हजार यात्रियों ने किया सफर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अन्य शहरों में इंट्रा स्टेट हवाई सेवा शुरू करने के उत्साहजनक परिणाम आए हैं। पिछले 10 महीनों में जयपुर से जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर के बीच 10 हजार यात्री हवाई सफर कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि बढ़ते एयर ट्रैफिक के चलते बड़ी विमानन कम्पनियां भी राजस्थान में अपनी सेवाओं के विस्तार में रुचि दिखाएंगी।

अन्य शहरों को भी जल्द मिलेगी एयर कनेक्टिविटी 
मुख्यमंत्री ने कहा कि अफोर्डेबल होने के कारण प्रदेश के विभिन्न शहरों के बीच हवाई सेवा की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।

सवाई माधोपुर, किशनगढ़, श्रीगंगानगर और जैसलमेर भी जल्द ही जयपुर सहित प्रदेश के अन्य शहरों से हवाई सेवा से जुड़ेंगे। भीलवाडा को जोड़ने पर भी विचार किया जा रहा है। 

विमान सेवा के यह भी बने साक्षी
इस अवसर कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, खान राज्यमंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी, सांसद दुष्यन्त सिंह, ओम बिरला, विधायक भवानीसिंह राजावत, प्रहलाद गुंजल, चन्द्रकांता मेघवाल, संदीप शर्मा, हीरालाल नागर, महापौर महेश विजय, यूआईटी अध्यक्ष रामकुमार मेहता सहित अन्य जनप्रतिनिधि, प्रमुख शासन सचिव नागरिक उड्डयन पीके गोयल, प्रमुख शासन सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग आलोक, पुलिस महानिरीक्षक विशाल बंसल, जिला कलक्टर रोहित गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। 

जीएसटी में पुराना क्रेडिट लेने के लिये दावा फार्म 21 अगस्त से

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जीएसटी से पहले के माल पर इनपुट क्रेडिट लेने के लिये ट्रांस-आई फार्म होगा।

नयी दिल्ली। माल एवं सेवाकर जीएसटी के तहत इस व्यवस्था के लागू होने से पहले के माल पर चुकाये गये कर का लाभ लेने के लिये दावा फार्म 21 अगस्त से उपलब्ध होने की संभावना है। इसके लिये करदाताओं को 28 अगस्त तक रिटर्न दाखिल करनी है। 

जीएसटी रिटर्न फार्म में इस व्यवस्था के लागू होने से पहले बेचे गये माल पर इनपुट क्रेडिट लेने के लिये दावा करने के लिये कोई व्यवस्था नहीं रखी गई है। सरकार ने कल इस संबंध में ऐसे करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने के लिये एक सप्ताह का और समय देते हुये 28 अगस्त तक का समय दे दिया है।

इन करदाताओं को हालांकि, नई व्यवस्था लागू होनें के बाद जीएसटी नेटवर्क जीएसटीएन पोर्टल पर 20 अगस्त तक कर का भुगतान करना है। एक जुलाई के बाद के कारोबार के लिये जीएसटीआर 3बी फार्म में रिटर्न दाखिल करना है जबकि जीएसटी से पहले के माल पर इनपुट क्रेडिट लेने के लिये ट्रांस-आई फार्म होगा।

राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ट्रांजिसनल फार्म करीब करीब तैयार है और हम कल तक इसे अपलोड करने के लिये काम कर रहे हैं ताकि कारोबारी जल्द ही ट्रांस-आई को भरना शुरू कर सकें। वित्त मंत्रालय ने कल कहा था कि ट्रांस-आई फार्म जीएसटीएन वेबसाइट पर 21 अगस्त से उपलब्ध हो जायेंगे।

 

 

 

सिक्का का सदमा, सेंसेक्स 270 अंक लुढ़का

सिक्का के इस्तीफे की खबर आने के बाद इन्फोसिस के निवेशकों ने 30,000 करोड़ रुपये गंवाए

मुंबई। वैश्विक सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस के शेयर शुक्रवार को कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) के इस्तीफे के बाद करीब 10 फीसदी तक टूट गए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में इन्फोसिस के शेयर 9.60 फीसदी की गिरावट के साथ 923.15 प्रति शेयर रहे। सिक्का का सदमे से बाजार में भी गिरावट आई।

सेंसेक्स 270.78 अंकों की गिरावट के साथ 31524.68 पर बंद हुआ तो निफ्टी 66.75 अंक लुढ़क कर 9837.40 पर आ गया। कंपनी के शेयर में आई गिरावट से बीएसई के आईटी सूचकांक में 369.19 अंक यानी 3.53 फीसदी की गिरावट रही।

इन्फोसिस ने शुक्रवार को बताया कि सिक्का ने पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘निदेशक मंडल ने शुक्रवार को हुई बैठक में विशाल सिक्का का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया।’

निदेशक मंडल ने हालांकि सिक्का को 31 मार्च, 2018 तक कंपनी का नया सीईओ और एमडी चुने जाने तक कार्यकारी उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया है। सीईओ और एमडी पद से सिक्का का इस्तीफा निवेशकों को रास नहीं आया।

सिक्का के इस्तीफे की खबर आने के बाद इन्फोसिस के निवेशकों ने 30,000 करोड़ रुपये गंवाए, कंपनी की मार्केट वैल्यू में भारी गिरावट आई और यह 2.34 लाख करोड़ से घटकर 2.04 लाख करोड़ रह गई।

119 भाषाओं में जो बोलोगे वह सर्च करेगा गूगल

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  • 30 नई लैंग्वेज वेरायटी को समझने के लिए स्थानीय लोगों के स्पीच सैम्पल लिए हैं
  • इससे मशीन लर्निंग मॉडल्स को नई भाषाओं की आवाजें और शब्द समझने में मदद मिली है
  • वॉइस टाइपिंग को 119 भाषाओं के लिए विस्तार दिया है

नई दिल्ली। गूगल इस कोशिश में है कि लोग अपने मेसेज और सर्च टाइप ना करें बल्कि वॉइस कमांड्स से लिखें। कम्पनी का कहना है कि उसने वॉइस टाइपिंग को 119 भाषाओं के लिए विस्तार दिया है ताकि 1 अरब से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें।

गूगल का मानना है कि टाइपिंक के बजाय वॉइस कमांड देने से यूजर्स का वक्त बचेगा।हालांकि, कई यूजर अब भी सार्वजनिक रूप से वॉइस सर्च ट्राई करने में शर्माते हैं। पीछे से आ रही आवाजों की वजह से कई बार यह फीचर ढंग से काम नहीं करता।

जिसके चलते या तो यूजरों को चिल्लाना पड़ता है या टाइप ही करना पड़ता है। गूगल के टेक्निकल प्रोग्राम मैनेजर ऑफ स्पीच दान वान एश ने समझाया कि कैसे कम्पनी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल अलग-अलग भाषाएं समझने के लिए कर रही है।

उन्होंने कहा, ’30 नई लैंग्वेज वेरायटी को समझने के लिए हमने स्थानीय लोगों के स्पीच सैम्पल लिए हैं। इससे हमारे मशीन लर्निंग मॉडल्स को नई भाषाओं की आवाजें और शब्द समझने में मदद मिली है और भाषा के मामले में उनकी ऐक्युरेसी बढ़ी है।’ उन्होंने यह भी कहा कि ईमोजी का नाम लेकर ईमोजी बनाना भी संभव है।

फ्लैट मालिक भी बिल्डरों पर कर सकेंगे दावा

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  • वित्तीय कर्जदाता की तरह ही माने जाएंगे फ्लैट के खरीदार
  • अब फॉर्म एफ भरकर खरीदार कर सकेंगे बिल्डरों से अपनी रकम का दावा
  • अब तक बैंकों की तरह दावा करने का नहीं था अधिकार
  • जेपी के करीब 32,000 और आम्रपाली के 30,000 फ्लैट खरीदारों को मिलेगी राहत

नई दिल्ली। संकट में फंसी रियल एस्टेट कंपनियों जेपी इन्फ्राटेक और आम्रपाली की परियोजनाओं में फ्लैट के खरीदारों को इस खबर से थोड़ी राहत मिल सकती है। इन परियोजनाओं में अब तक फ्लैट का कब्जा नहीं पाने वाले लोग या जिनके फ्लैट नहीं बने हैं, वे लोग इन कंपनियों से अपना पैसा लौटाने को कह सकते हैं। ऋणशोधन नियामक उनके लिए विशेष प्रावधान ला रहा है।

भारतीय ऋणशोधन एवं दिवालिया बोर्ड (आईबीबीआई) ने कहा है कि फ्लैट मालिकों को ऋणदाताओं की समिति में शामिल किया जा सकता है और वे उतनी रकम का दावा कर सकते हैं जितने का उन्होंने बिल्डरों को भुगतान किया है। उनके दावे को बैंकों या ऋणदाताओं के तौर पर माना जाएगा और उन्हें प्राथमिकता सूची में नीचे नहीं धकेला जाएगा।

पहले, केवल उन्हें ही वित्तीय ऋणदाता के तौर पर माना गया था, जिनकी बुकिंग तयशुदा रिटर्न के साथ की गई थी। जिन्होंने तयशुदा रिटर्न के साथ बुकिंग नहीं कराई थी उन्हें वित्तीय ऋणदाता नहीं माना गया था।इस खंड में फ्लैट मालिक शामिल हैं, जो रियल एस्टेट डेवलपरों के खिलाफ दिवालिया मामला दायर नहीं कर सकते हैं।

उनके लिए ऋणशोधन नियामक ने फॉर्म ‘एफ’ की पेशकश की है, जिसे वे भर सकते हैं। हालांकि अब भी वे दिवालिया मामला दायर नहीं कर सकते। इससे पहले इसे लेकर असमंजस की स्थिति थी कि राष्ट्रीय कंपनी लॉ पंचाट (एनसीएलटी) में कंपनी का मामला दायर होने के बाद फ्लैट मालिक कहां अपना दावा करेंगे।

विशेषज्ञों ने भी कहा था कि अगर वे अपना दावा करते हैं तब भी उनके दावे का निपटान वित्तीय और अन्य परिचालित ऋणदाताओं की रकम चुकाने के बाद सबसे अंत में किया जाएगा। लेकिन अब ऐसा नहीं है। बैंक और वित्तीय संस्थान वित्तीय ऋणदाता जबकि कर्मचारी और सेवा प्रदताओं को परिचालक ऋणदाता माना जाता है।

एनसीएलटी ने आईडीबीआई बैंक द्वारा कर्ज में फंसी जेपी इन्फ्राटेक के खिलाफ दिवालिया याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है और आम्रपाली समूह के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ौदा की याचिका को भी मंजूरी दे दी है। 

इन दोनों फर्मों की परियोजनाओं में मकान खरीदने वाले पहले अपने पैसे वापस देने की मांग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर कंपनी दिवालिया घोषित हो गई तो अदालत में दायर उनके सभी मामले निष्प्रभावी हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में उन्हें अपने फ्लैटों का कब्जा नहीं मिल पाएगा और वह अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा गंवा देंगे।

इस मसले पर जेपी के करीब 32,000 मकान खरीदार के साथ ही आम्रपाली समूह के करीब 30,000 फ्लैट मालिक खासी परेशानी में फंसे हैं। जेपी इन्फ्राटेक उन 12 बड़े कॉपोरेट कर्ज डिफॉल्टरों में शामिल है, जिसके खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक ने दिवालिया प्रक्रिया चलाने के आदेश दिए हैं।

इस कंपनी पर मार्च 2017 तक करीब 8,000 करोड़ रुपये का कर्ज था। नोएडा एक्सप्रेसवे के विश टाउन में विभिन्न परियोजनाओं के तहत 32,000 फ्लैट और प्लाट विकसित कर रही जेपी इन्फ्राटेक को परियोजना में काफी देरी की वजह से मकान खरीदारों के विरोध और कानूनी मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है।

सिक्का के इस्तीफे की खबर से सेंसेक्स 208 अंक टूटा

मुंबई। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज शुरुआती कारोबार 208 अंक टूट गया। इंफोसिस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सीईओ विशाल सिक्का के इस्तीफे की खबर से कंपनी का शेयर सात प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया।

इसके अलावा स्पेन में जानलेवा हमला और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक एजेंडे के भविष्य को लेकर चिंता से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। हाल में आयी तेजी के कारण बिकवाली दबाव भी रहा।

तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 207.75 अंक या 0.65 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,587.71 अंक पर पहुंच गया। आईटी, प्रौद्योगिकी, बैंक, स्वास्थ्य, धातु, वाहन और जमीन-जायदाद के विकास से जुड़े क्षेत्रों की अगुवाई में खंडवार सूचकांक 2.43 प्रतिशत तक नीचे आये।

इससे पहले, पिछले तीन सत्रों में सेंसेक्स 581.87 अंक मजबूत हुआ था। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 73.95 अंक या 0.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ 9,830.20 अंक पर पहुंच गया।

कारोबारियों के अनुसार स्पेन में स्पेन में जानलेवा हमला और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक एजेंडे के भविष्य को लेकर चिंता से वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।

सिक्‍का का इन्‍फोसिस के CEO पद से इस्‍तीफा

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नई दिल्‍ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता कंपनी इन्‍फोसिस के मुख्‍य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक विशाल सिक्‍का ने शुक्रवार को इस्‍तीफा दे दिया। कंपनी के निदेशक मंडल ने सिक्‍का का इस्‍तीफा स्‍वीकार कर लिया है। सिक्‍का को कार्यकारी उपाध्‍यक्ष के पद पर नियुक्‍त किया गया है।

सिक्‍का के स्‍थान पर यूबी प्रवीण राव को कंपनी के मुख्‍य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक पद की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है। विशाल सिक्‍का के पद से इस्‍तीफा देने के बाद बंबई शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर छह प्रतिशत गिरकर 958 रुपये पर आ गया।

इनपुट क्रेडिट लेने वाले 28 तक कर सकेंगे रिटर्न फाइल

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इन इकाइयों को सेल्फ असेसमेंट के आधार पर 20 अगस्त तक टैक्स जमा कराना होगा।

नई दिल्ली। सरकार ने गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) व्यवस्था में बदलाव के दौरान इनपुट क्रेडिट लेने वाले टैक्स पेयर्स को कुछ राहत देते हुए टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एक सप्ताह का और समय दे दिया है। अब ये टैक्स पेयर्स 28 अगस्त तक कर रिटर्न फाइल कर पाएंगे।

जीएसटी व्यवस्था में कारोबारियों को जुलाई के लिए अपना पहला रिटर्न जीएसटीआर 3बी जीएसटी नेटवर्क पर 20 अगस्त तक दाखिल करना है। रिटर्न फाइल करने की शुरुआत 5 अगस्त से हो गई है।

वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को उन इकाइयों को कुछ राहत देने की घोषणा जो इस नई व्यवस्था में बदलाव के दौर के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करेंगी। इन इकाइयों को सेल्फ असेसमेंट के आधार पर 20 अगस्त तक टैक्स जमा कराना होगा, लेकिन उन्हें अपना रिटर्न 28 अगस्त तक दाखिल करना होगा।

मंत्रालय ने कहा कि बदलाव के दौरान इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं लेने वाले टैक्स पेयर्स को फार्म 3बी में अनिवार्य रूप से अपना टैक्स और रिटर्न 20 अगस्त से पहले जमा कराना होगा।

जीएसटी का असर, ठेकेदार ने पाइप लाइन का काम रोका

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चार करोड़ से नए कोटा में बिछाई जानी है पाइप लाइन, अभी तक 30 प्रतिशत ही हुआ काम

कोटा। जीएसटी का असर देखिये, नए कोटा में ठेकेदार ने पाइप लाइन बिछाने का काम बंद कर दिया है।   ठेकेदार को नौ माह में काम पूरा करना है, जबकि पांच माह में अभी तक तीस प्रतिशत ही काम हो पाया है। विभाग के अधिकारियों ने माना कि जीएसटी के कारण पाइप नहीं आने से काम बंद हुआ है लेकिन अब इसे चालू कर दिया जाएगा।

नए कोटा में तीस किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने के लिए जयपुर की घासीलाल एंड कंपनी को चार करोड़ रुपए का ठेका दिया गया था। कंपनी ने यह ठेका स्थानीय ठेकेदारों को देकर काम करवाना शुरू कर दिया। दस किलोमीटर ही पाइप लाइन बिछाई गई थी कि जीएसटी के कारण पाइप नहीं होने का बहाना करके काम बंद कर दिया गया।

इसकी शिकायत विभाग के ही इंजीनियरों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से की लेकिन, काम नहीं हुआ। विभाग ने भी इसके लिए ठेकेदार को पाबंद किया, उसे बैठक के लिए बुलाया लेकिन, वह नहीं आया। अब फिर से उसके लिए 21 अगस्त को बैठक रखी गई है।

विभाग के इंजीनियर्स का कहना है कि इस ठेकेदार ने पहला ही काम ठीक से नहीं किया। उसे फिर से ढकनिया स्टेशन के पास पाइप लाइन बदलने का काम दे दिया गया है। जिसके भी समय पर होने की उम्मीद कम है। इस बारे में ठेकेदार घनश्याम गोयल ने बताया कि जीएसटी के कारण उन्हें नुकसान हो रहा था।

अब इसकी भरपाई करने का भरोसा विभाग ने दिलाया है, तो वे काम शुरू करवा रहे हैं, अब शीघ्र ही पाइप की सप्लाई करवाकर काम शुरू कर दिया जाएगा। वहीं एक्सईएन नरेन्द्र मोहन गुप्ता ने बताया कि ठेकेदार को पाबंद कर दिया गया है। वह एक-दो दिन में पाइप की सप्लाई करके काम चालू कर देगा।